सावन का पहला प्रदोष व्रत इस तारीख को रखा जाएगा

सावन का पहला प्रदोष व्रत इस तारीख को रखा जाएगा

सावन का पहला प्रदोष व्रत 1 अगस्त, दिन गुरुवार को पड़ रहा है. हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, जिसमें भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं. यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और सावन का महीना भी महादेव की पूजा के लिए है क्योंकि यह उनको प्रिय है. प्रदोष का व्रत करने से व्यक्ति के हर प्रकार के दोष मिट जाते हैं, शिव कृपा से उसकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

अगर पूरे साल प्रदोष व्रत न रखा हो, तो सावन में पड़ने वाले प्रदोष व्रत रख सकते हैं. इससे लोगों को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है. साथ ही जीवन में चल रही सभी परेशानियों से भी छुटकारा मिल जाता है. इस दौरान भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करना अत्यंत शुभफलदायी है. सावन प्रदोष व्रत पर शिव जी की अगर पूरे मन से आराधना की जाए तो व्यक्ति को महत्वपूर्ण कार्यों में लगातर सफलता मिलती है. साथ ही कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी शुभफलदायक होता है.|जिससे जीवन सदैव खुशहाल रहता है। साथ ही सभी मनोकामनएं पूरी होती हैं.

प्रदोष व्रत के मंत्र (Sawan Pradosh Vrat Mantra)

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव स्तुति मंत्र

द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि। उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।

श‍िव नामावली मंत्र

  • ।। श्री शिवाय नम:।।
  • ।। श्री शंकराय नम:।।
  • ।। श्री महेश्वराय नम:।।
  • ।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
  • ।। श्री रुद्राय नम:।।
  • ।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
  • ।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।






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