ढाका: बांग्लादेश सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आम जनता से ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ में भाग लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का सोमवार को आदेश दिया। सरकार ने सोशल मीडिया मंच ‘फेसबुक’, ‘मैसेंजर’, ‘व्हॉट्सऐप’ और ‘इंस्टाग्राम’ को बंद करने का भी आदेश दिया है। इससे एक दिन पहले बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में झड़पें हुईं। इन झड़पों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। झड़पें रविवार की सुबह हुईं जब प्रदर्शनकारी ‘स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन’ के परचम तले आयोजित ‘असहयोग कार्यक्रम’ में भाग लेने पहुंचे। अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं ने उनका विरोध किया जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हुई। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में आरक्षण व्यवस्था के मुद्दे को लेकर हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
इंटरनेट बंद
बांग्ला भाषा के प्रमुख समाचार पत्र ‘प्रोथोम आलो’ ने बताया कि रविवार को हुई झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 101 लोगों की मौत हो गई। हिंसा के कारण मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और पूरे देश में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लागू करना पड़ा है। ‘एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट’ ने सोमवार को अपना ‘‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’’ आयोजित करने की योजना बनाई है जिसे पूर्व में एक दिन बाद आयोजित किया जाना था।
'अंतिम लड़ाई का वक्त आ गया है'
इससे पहले आंदोलन के समन्वयक आसिफ महमूद ने कहा, ‘‘स्थिति की समीक्षा के लिए एक आपात फैसले में हमारा ‘मार्च टू ढाका’ कार्यक्रम छह अगस्त के बजाय पांच अगस्त को होगा। दूसरे शब्दों में, हम देशभर के छात्रों से सोमवार को ढाका आने का आह्वान कर रहे हैं।’’ उन्होंने आम जनता से इसमें भाग लेने का आह्वान करते हुए कहा, ‘‘अंतिम लड़ाई का वक्त आ गया है। इतिहास का हिस्सा बनने के लिए ढाका आइए। छात्र एक नया बांग्लादेश बनाएंगे।’’
एक्शन में पुलिस
कर्फ्यू के कारण आवामी लीग का शोक जुलूस रद्द कर दिया गया है। राजधानी ढाका के विभिन्न इलाकों में सोमवार सुबह सड़कों पर वाहन बहुत कम दिखे। विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के कुछ छात्र ‘मार्च टू ढाका’ में भाग लेने के लिए सुबह 10 बजे से पहले और बाद में ढाका सेंट्रल शहीद मीनार पर एकत्रित हो गए जिससे पुलिस को उन्हें खदेड़ने के लिए आंसू गैस छोड़नी पड़ी। सभी छात्रों तथा उनके अभिभावकों से सुरक्षित घर लौटने का अनुरोध किया गया।
भारत है सतर्क
‘प्रोथोम आलो’ ने बताया कि सरकार ने स्थिति तनावपूर्ण रहने पर इंटरनेट पर पूर्ण पाबंदी लगाने का आदेश दिया है। सरकार ने रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा था कि विभिन्न स्थानों पर आतंकवादी हमले हो रहे हैं। आतंकियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। देश में सोमवार से तीन दिवसीय सामान्य अवकाश की घोषणा की गई है। भारत ने बांग्लादेश में जारी हिंसा के कारण अपने सभी नागरिकों को अगली सूचना तक पड़ोसी देश की यात्रा न करने की सलाह दी है।
हिंसा के पीछे की वजह
रविवार को हुई झड़पों से कुछ दिन पहले बांग्लादेश में पुलिस और मुख्य रूप से छात्र प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिली थीं जिसमें 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं जिसके तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। प्रधानमंत्री हसीना ने शनिवार को आंदोलन के समन्वयकों के साथ वार्ता की पेशकश की थी। हालांकि, उन्होंने प्रधानमंत्री का प्रस्ताव ठुकरा दिया था।
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