राजनांदगांव : शासकीय दिग्विजय महाविद्यालय के इतिहास विभाग में अगस्त क्रांति मनाई गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में प्राचार्य डॉ. अंजना ठाकुर ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि 08 अगस्त को महात्मागांधी ने समिति के समक्ष भारत छोड़ो आंदोलन का ऐतिहासिक प्रस्ताव रखा। कांग्रेस कार्य समिति ने गांधीजी के नेतृत्व में आंदोलन चलाने की घोषणा की। इसके उपरांत गांधीजी ने 70 मिनट तक भाषण दिया और श्करो या मरोश् का नारा जनता को दिया। गांधीजी का भाषण युगान्तकारी था।श् गांधीजी उस दिन ऐसे बोल रहे थे मानो उनकी अन्तरात्मा से भगवान बोल रहा हो। गांधीजी उस दिन उत्कृष्ट मानवता, विश्वव्यापी, मातृत्व शांति और मानव मात्र के प्रति रूद्रभावना से परिपूरित होकर विश्वलोक की चर्चा कर रहे थे। विभागाध्यक्ष डॉ.शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि गांधीजी आंदोलन प्रारंभ करने से पूर्व वायसराय से बात करना चाह रहे थे, किन्तु वायसराय ने मिलने से इंकार कर दिया था। 09 अगस्त को सूर्योदय से पूर्व ही कांग्रेस की कार्यकारणी के सदस्यों के साथ गांधीजी को बंदी बना लिया गया और कांग्रेस को गैर कानूनी संगठन घोषित कर दिया गया था। कांग्रेस के बड़े नेताओं के बंदी बनाये लिये जाने के पश्चात् अरूणा आसफ अली, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण जैसे युवा नेताओं ने इस आंदोलन की बागदौड़ संभाली थी। कार्यक्रम का संचालन प्रो.हेमलता साहू तथा आभार डॉ.अजय शर्मा द्वारा किया गया।
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