आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना समाज के सभी वर्गों की जिम्मेदारी :  हारुन मानिकपुरी        

आदिवासियों के अधिकारों की सुरक्षा और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना समाज के सभी वर्गों की जिम्मेदारी :  हारुन मानिकपुरी        

छुरिया/राजनांदगांव:- सर्व आदिवासी समाज ग्राम इकाई पड़रामटोला के तत्वावधान में 9 अगस्त दिन शुक्रवार को विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सर्वप्रथम आदिवासी समाज के क्रांतिकारी महापुरुषों एवं संविधान निर्माता डॉ बाबा साहेब अम्बेडकर के तैल चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उसके बाद समाज द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का पुष्प गुच्छ एवं गुलाल लगाकर स्वागत किया गया। सर्व आदिवासी समाज ग्राम इकाई के कार्यक्रम में बतौर अतिथि हारुन मानिकपुरी ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदायों के योगदान की पहचान करना है। इसके साथ ही यह आदिवासियों की समस्याओं के प्रति समाज को जागरूकता करने के लिहाज से यह दिन बेहद खास माना जाता है। आदिवासी समाज जल, जंगल, जमीन और पर्यावरण संरक्षण में बड़ा योगदान देते हैं।

यह दिन याद दिलाता है कि हमें आदिवासियों की अनुठी पहचान और जीवनशैली का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि आदिवासी सामुदायों की सांस्कृतिक धरोहर और उनके अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार और समाज के सभी वर्गों का सहयोग जरूरी है। कार्यक्रम में सर्व आदिवासी समाज के पदाधिकारी श्री देशराम  कोर्राम, श्री मोहन लाल चंद्रवंशी, राम गुलाल कंवर, मोहन लाल कंवर,अंगद राम बैगा,फत्तूराम कंवर, जीतेन्द्र कंवर,घुराऊराम कंवर,सरजूराम कंवर,रहिपाल कंवर, रमेश कुमार भैंसा, ग्राम पटेल ललित साहू, ग्राम कोटवार हेमराज सहारे, सर्व समाज के श्री शिवकुमार साहू, बीरबल दास साहू,भागवत यादव,अनिल उइके,जीवन कौचे, प्रीतम मानिकपुरी, जनपद सदस्य श्रीमती मीना कंवर, सरपंच श्रीमती नीलम पुजेरी, समस्त पंचगण, सर्व आदिवासी समाज के कार्यकर्ता एवं ग्रामीण जन उपस्थित थे।









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