हमें भाषा, क्षेत्र, धर्म और जाति के भेदभाव को मिटाकर अपनी देश की प्रगति और समृद्धि के लिए काम करना होगा  : हारुन मानिकपुरी      

हमें भाषा, क्षेत्र, धर्म और जाति के भेदभाव को मिटाकर अपनी देश की प्रगति और समृद्धि के लिए काम करना होगा  : हारुन मानिकपुरी      

छुरिया/राजनांदगांव:- हमारा राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर और राष्टगान गाकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को याद किया जाता है। इस दिन विभिन्न स्कूलों, कालेजों और संस्थानों में ध्वजारोहण किया जाता है और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। हमारा देश 15 अगस्त को आजादी 78वी ‌वर्षगांठ मना रहा है। इसी दिन वर्ष 1947 को भारत को ब्रिटिश हुकूमत (अंग्रेजों) से आजादी मिली थी। 15अगस्त का दिन उन सभी क्रांतिकारियों को याद करने का दिन है, जिन्होंने भारत माता को अंग्रेजी दास्तां से मुक्ति दिलाने  के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। भारत में पहला स्वतंत्रता संग्राम सन् 1857 में लड़ा गया था, जिसमें असंख्य क्रांतिकारियों ने अपना बलिदान दिया था। इसके बाद देश के कोने-कोने में देश की आजादी के लिए अंग्रेजी शासन से लड़ाई शुरू हो गई। लाखों क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों को खुली चुनौती दी। साथ ही बड़ी संख्या में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने युद्ध लड़ा और 200 वर्षों के संघर्ष के बाद अंततः भारत ने स्वतंत्रता को प्राप्त कर लिया।

आज हम आजादी की 78 वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह उस आजादी का जश्न है, जिसे हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने 200  वर्षों के संघर्षों के बाद प्राप्त किया था। इसी दिन ब्रिटिश हुकूमत की बेडि़यों में जकड़ी भारत माता को मुक्ति मिली थी। हमें भाषा, क्षेत्र, धर्म और जाति के भेदभाव को मिटाकर अपने देश की प्रगति और समृद्धि के लिए एकजुट होकर काम करना होगा और हमारे सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों को संजोकर रखना होगा। आइए, स्वतंत्रता दिवस के संकल्प को आत्मसात करें और भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करें। मेरे जज्बातों से इस कदर वाकिफ हैं मेरी कलम, मैं इश्क भी लिखना चाहूं तो भी, इंकलाब लिख जाता है। लिख रहा हूं मैं अंजाम, जिसका कर आगाज आएगा, मेरे लहू का हर एक कतरा, इंकलाब लाएगा। 









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