छुईखदान : छुईखदान से दनिया सड़क निर्माण को लेकर नगरवासी एवं क्षेत्रवासियों ने मिलकर आज 11 बजे से चक्काजाम किया, जो लगभग ढाई घंटे तक चला। अधिकरीयों के मान-मुनव्वल उपरांत चक्काजाम समाप्त किया गया। ज्ञात हो कि दिवंगत विधायक राजा देवव्रत सिंह के अथक प्रयासों एवं क्षेत्र की जनता की मांग के अनुरूप तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बधेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस शासन में इस क्षेत्र की बहुप्रतिक्षित मांग छुईखदान से दनिया सड़क निर्माण की मांग के लिए शासन से स्वीकृति प्राप्त हुई थी, तो नगर की जनता को लगा था कि उक्त सड़क निर्माण से नगर विकास को नई दिशा मिलेगी और इस नगर सहित क्षेत्र की जनता को अच्छे दिन आने की आस जगी थी। लोक चर्चा की मानें तो पूर्व में इस सड़क के माध्यम से यह नगर सीधे दुर्ग से जुड़ जाएगा, तो क्षेत्र एवं नगर के व्यापार, बेरोजगारो को इसका सीधा लाभ हो सकेगा। सड़क निर्माण के लिए निविदा भी जारी हुआ, फाइ्रनल भी हुआ, कार्य प्रारंभ हुआ, सड़क निर्माण दनिया की ओर से प्रारंभ हुआ, नियम अनुसार मुआवजा चेक के माध्यम से भुगतान हुआ, अतिक्रमण हटाए गए, परन्तु छुईखदान-दनिया के नाम से स्वीकृत सड़क ठीक छुईखदान नगर की सीमा (कंडरा पारा) में आकर पिछले दो साल से अधिक समय से रूक गई, इस बीच उक्त सड़क का निर्माण के नाम पर छुईखदान शहर की सड़क से जुड़े हुए मकान, व्यवसायिक दुकान तोड़े गए। कुछ स्थानों पर नाली निर्माण हेतु खुदाई भी की गई। कुछ निर्माण भी किया गया, लेकिन सड़क दिन ब दिन खराब और खराब होते गया, जिसे लेकर नगरवासी ठेकेदार के मनमानी से नगरवासी उद्द्वेलित होने लगे।
नाली निर्माण और सड़क निर्माण में हो रहे देर से सड़क पर जाननलेवा गड्ढे बन गए जो लगातार दुर्घटना का कारण बनते जा रहा है। जिसे लेकर वार्डवासियों ने तहसीलदार के माध्यम से पूर्व में ज्ञापन प्रशासन को किया था, लेकिन आज पर्यंत तक इसमें कोई कार्यवाही नहीं होने से सड़क का कार्य जानलेवा गड्ढे में तबदिल होते गया, जिसके कारण छात्र-छात्राएं और नगरवासी दुर्घटना के शिकार होते रहे है, लेकिन प्रशासन के द्वारा को सुध न लेने से क्षेत्र के लिए यह सड़क नासुर साबित होने लगा। सड़क में भारी वाहनों, बसों, ट्रैक्टरों आदि के आने-जाने के चलते सड़क पर भारी गढ्ढे बनते चले गए और अब वही गढ्ढे लोगों की जान के पीछे पड़ गएप्। नगर क्षेत्र और खासकर मोहल्ले के लोगों का दैनिक जीवन खतरे में पड़ गया, यहां तक अब तो एक स्कूटर जैसे छोटी गाड़ियों का तो निकलना मुश्किल ही जान पडता है।
उक्त सड़क के तत्काल निर्माण को लेकर नगर के सक्रिय राजनितिक लोग समाचार पत्रों के रिपोर्टरों, आम नागरिकों की ओर से बारंबार आवाज उठाई जा रही थी। आवेदन पर आवेदन प्रस्तुत किया जाता रहा, परन्तु न तो प्रशासन की आंख खुल पाई न ही ठेकेदार नींद से जाग पाए। समय निकलता गया और बरसात आ गई, उक्त सड़क की चरमराई व्यवस्था को देखते हुए मोहल्ले की महिलाओं की ओर से नगर के विभिन्न लोगों से संपर्क कर अंतिम निर्णय लेते हुए 16 अगस्त को चक्काजाम का निर्णय लेकर आंदोलन किया गया? जिसके लिए नियमतः अपने निर्णय की सूचना प्रशासन को समय पूर्व दे दी गई और अंततः आम नागरिकों की एक मंच के द्वारा 16 अगस्त को सुबह दस बजे से बिजली आफिस चौक पर पहले धरना प्रदर्शन किया गया। उसके बाद चक्काजाम किया गया, जिसमे समाजसेवी एवं राजनिति, पत्रकारिता, व्यापार सहित कृषि मजदूरी से जुड़े लोगों के द्वारा न केवल आंदोलन को अपना समर्थन दिया, अपितु मौके पर अपनी प्रत्यक्ष उपस्थिति दर्ज कराकर आंदोलन को सफल बनाने में अपना सहयोग भी किया। ज्ञात हो कि यह पहलाा मौका है, जब नगरवासी नगर विकास को लेकर एक मंच के माध्यम से सड़क पर उतरे। एक अरसे के बाद इस नगर में अपनी मांगों को लेकर लोग सड़क पर उतरे थे। खासबात यह भी रही कि आंदोलन मे मजदूर दर्जे के महिलाओं की संख्या पुरूष आंदोलनकारियों से कहीं कम नहीं होनें के कारण मामला और भी कौतूहल का विषय बना हुआ था, वहीं आंदोलनकारी बिना जिले के कलेक्टर से मुलाकात के शांत होने को राजी नहीं थे, जिसके चलते क्षेत्रीय अधिकारी गणों के द्वारा जिलाधीश से चर्चा कर आंदोलनकारियों के बीच उपस्थित होकर वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए मांगपत्र स्वीकार किया।सड़क निर्माण को लेकर हो रहे चक्काजाम में पहुंचे विभाग के अधिकारी गजपाल और ठकेदार के लोग क्षेत्रवासी के गुस्से को देखकर मोन रहे, कुद बातें कहना चाहते थे, लेकिन नगरवासियों के विरोघ के चलते चुप हो गए। एसडीएम रेणुका रात्रे और तहसीलदार नेहा धु्रव सहित एडीबी के अधिकारियों बरसात उपरांत सड़क निर्माण पूर्ण किए जाने के वादों के साथ चक्काजाम को खेला गया। समिति के लोगों ने बताया कि अगर 15 दिनों के अंदर कार्य शुरु नहीं किया गया तो इससे बड़ा आंदोलन किया जावेगा। जिसके लिऐ प्रशासन पूर्णतः जिम्मेदार होगा।
जानकारी के मुताबिक उक्त मार्ग के निर्माण को लेकर वार्ड क्रमांक-2, 3, 4, 7 एवं 9 के निवासियों महिलाएं आदि लगभग दो माह पूर्व ही जल्द निर्माण को शीध्र पूरा करने हेतु प्रशासनिक स्तर पर प्रयास एवं मांग की गई थी, परन्तु बारिश आ जाने के बाद तक भी कोई परिणाम नहीं आते देख एवं होने वाली परेशानियों को लेकर चक्काजाम छुईखदान-दनिया मार्ग के तत्काल निर्माण की मांग को लेकर भारी बरसात में हुए चक्काजाम लगभग दो से तीन घंटे तक जारी रहा, वहीं प्रभावित लोगों की ओर से नारे भी लगाए जाते रहे, जबकि उक्त चक्काजाम गैर राजनीतिक था, इस कारण से उक्त आंदोलन को लगभग सभी राजनैतिक संगठनों के सदस्यों पदçाधकारियों, व्यापारियों, पत्रकार जगत से जुड़े लोगों सहित ग्रामीणजनों, कृषको, मजदूरों का भरपूर समर्थन प्राप्त रहा। उक्त आंदोलन को सफल बनाने में नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि संजय महोबिया, नवनीत जैन, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गजेन्द्र ठाकरे, पार्षद पन्ना मंडावी, डा. विनय गिरेपुंजे, पार्षद इमरान खान, पार्षद राकेश वैष्णव, युवा नेता विक्रांत चंद्राकर, अनिमेश महोबिया, सरोज साहू पूर्व पार्षद, विनोद तिवारी, कोमल कुंजाम वैभव, राज महोबिया, गणेश वैष्णव, मनोज वैष्णव, बेदराम कुंजाम, सुनिल देशमुख, सोहन पाल, शैलेन्द्र तिवारी, अर्जुन महोबिया, बृजलाल साहू, पार्षद शैव्या वैष्णव सहित ग्रामीण क्षेत्र से बहुतायत में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।
Comments