परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद/ छुरा - मामला गरियाबंद जिले के ग्राम मुढ़ीपानी के आश्रित ग्राम देंगसूरीपारा का है जहां गर्भवती महिला खेमबाई गोंड पति जैनम गोंड को 102 वाहन के ड्राइवर पुखराज यादव एवं स्वास्थ्य संयोजक लाल सिंग हुंन्द्रे और मितानिन गणेशी बाई के साथ स्ट्रेक्चर में डालकर नदी पार कर एम्बुलेंस में स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। जहां स्वास्थ्य विभाग के डाक्टरों एवं स्टाफ की सक्रियता से उनका सफलतापूर्वक प्रसव तो हो गया।
सोचने वाली बात यह हो जाती है कि आजादी के इतने वर्षों बाद भी ये दृश्य देखने को मिलता है जो एक गंभीर और सोचनीय विषय हो जाता है। एक तरफ सरकार और राजनितिक दल आदिवासियों के लिए बड़े-बड़े दावे तो करती है लेकिन इस प्रकार घटना को देखकर सरकार और प्रशासन के दावे पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है कि आखिर सिस्टम में सुधार कब होगा?
वहीं वनांचल क्षेत्र रसेला के स्वास्थ्य केंद्र की बात करें तो अभी भी समस्याएं बनी हुई है 102 वाहन के लिए रात शिफ्ट का वाहन चालक नहीं है एक ही वाहन चालक 24 घंटे ड्यूटी करने मजबूर हैं वहीं डिलीवरी हेतु रात्रि शिफ्ट के लिए स्टाफ नर्स की कमी है वहीं एक डिलीवरी पेशेंट की बात करें तो 14 अगस्त की रात रसेला स्वास्थ्य केंद्र में रात्रि कालीन डिलीवरी स्टाफ नर्स नहीं होने के चलते उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा ले जाया गया। वहीं इन समस्याओं को लेकर क्षेत्रीय विधायक को भी ग्रामीणों ने अवगत कराया है लेकिन अभी तक मांग पुरा नहीं हो पाया है ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान प्रशासन से की है।
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