राजनांदगांव : सावन के पवित्र माह में राजनांदगांव की धरती पर एक अद्वितीय धार्मिक आयोजन देखने को मिला। यहां मां पाताल भैरवी के प्रांगण में बर्फानी सेवाश्रम समिति और राष्ट्रीय उत्सव समिति द्वारा एशिया के सबसे ऊंचे 120 फीट शिवलिंग का भव्य महाअभिषेक किया गया। इस विशाल शिवलिंग के अभिषेक के लिए एक 500 फीट ऊंची क्रेन को बुलाया गया था, जिसकी सहायता से विशेष रूप से बने गए एक विशाल कलश को क्रेन के माध्यम से मंदिर के ऊपर ले जाकर अभिषेक किया गया। इस नज़ारे को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ मंदिर प्रांगड़ में मौजूद थी।
रात्रि 8 बजे शुरू हुए इस महाअभिषेक में विशाल कलश को क्रेन के माध्यम से मंदिर के ऊपर ले जाकर अभिषेक किया गया। इस मौके पर एक लाख लीटर से अधिक पानी और 6 हजार लीटर दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया गया। इसके अतिरिक्त, शिवलिंग पर कनेर, धतूरा और अन्य प्रकार के फूलों से पुष्पवर्षा भी की गई। अंत मे शिवलिंग पर लेजर लाइटिंग के माध्य से शिव की आकृति बनाई गई, और लेजर शो किया गया। आयोजनकर्ता द्वारा डीजे साउंड सिस्टम की व्यवस्था भी की गई थी, इस दौरान शिव के भक्ति गीतों पर शिव भक्त थिरकते नजर आए। भक्तों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ इस आयोजन में भाग लिया।
महाअभिषेक के दौरान, बर्फानी आश्रम के 11 पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण किया गया, और जैसे ही क्रेन से जल और दूध से भरे कलश को चढ़ाया गया, भक्त “बोल बम” और “हर हर महादेव” के नारे लगाते हुए झूम उठे। बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष देर रात तक इस आयोजन के साक्षी बने।
देशभर में प्रसिद्ध है पाताल भैरवी का यह मंदिर
गौरतलब है कि राजनंदगाव में स्थित मां पाताल भैरवी का यह मंदिर देशभर में प्रसिद्ध है. इस मंदिर की ऊंचाई लगभग 120 फीट है। जो विशाल शिवलिंग के आकार में बना है। मंदिर की गोलाई लगभग 116 फीट है। ये मंदिर 3 खंड (तल) में बना हुआ हैं। सबसे ऊपर के तल में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन होते हैं। बीच के तल में मां राजराजेश्वरी भव्य 9 रूपों में विराजित हैं। सबसे नीचे में 13 फीट ऊंचे पाताल भैरवी के रूप में मां काली के दर्शन होते हैं। मां पाताल भैरवी मंदिर जमीन से 15 फीट नीचे बनाया गया है।
Comments