केंद्रीय गृहमंत्री के 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने के बयान पर PCC चीफ का पलटवार, बैज ने कहा – 10 साल से यही बोल रहे, कब तक झूठ बोलते रहेंगे…

केंद्रीय गृहमंत्री के 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने के बयान पर PCC चीफ का पलटवार, बैज ने कहा – 10 साल से यही बोल रहे, कब तक झूठ बोलते रहेंगे…

रायपुर :केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश को मार्च 2026 तक पूर्णत: नक्सल समस्या से मुक्त करने की बात कही है. इस बयान पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा, 10 साल से आप केंद्र में सरकार हैं, 10 साल से आप बोलते आ रहे हैं. चुनाव को देखते हुए आपको ये बातें याद आती है. 2018 से 20 से 2022 में नक्सलवाद खत्म कर देने की बात कही थी, कब तक आप झूठ बोलेंगे. कितने फर्जी एनकाउंटर आपने किया, कितने फर्जी सरेंडर कराए हैं, ये आपको याद है.

बैज ने कहा, जितने आदिवासियों को भाजपा सरकार ने जेल में भेजा, हमने उनको छुड़वाने का काम किया है. बस्तर का आदिवासी जंगल जाने से डर रहा है. भाजपा ने फिर से वही स्थिति दोहराने का काम शुरू कर दिया है. अमित शाह का अंतिम हमला वाले बयान पर दीपक बैज ने कहा, कब अंतिम हमला होगा, कब शुरुआत होगी, ये समझ से परे है. आप अकेले चले जाइए, समझ में आ जाएगा. बस्तर की जनता को गुमराह करना बंद करे. जो पूर्णवास नीति चल रही थी वो बेहतर थी, जिसके चलते बीजापुर और सुकमा में नक्सली सरेंडर हुए. भाजपा सरकार आने के बाद बस्तर दहशत में है.

बैज ने कहा, देश के गृहमंत्री और राज्य के गृहमंत्री का बयान दोनों अलग है. गृहमंत्री को पूछना चाहिए, उन्हें सलाह लेना चाहिए. केंद्र और राज्य का कोई तालमेल नहीं है. इस मुद्दे पर यहां पर इनकी नक्सल नीति खत्म करने, जल, जंगल, जमीन खत्म करने की तैयारी है. अमित शाह ने कहा हमारे गृहमंत्री विजय शर्मा हिड़मा के गांव गए वहां आयुष्मान कार्ड बांटे है, इस बयान पर दीपक बैज ने कहा, अगर कोई गृहमंत्री हेलीकॉप्टर से जाए कौन सा बड़ा तीर मार लिए. ये कोई बड़ी बात नहीं है. हमारी सरकार आने के बाद सिलगैर में हमारी सरकार ने स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र खोले हैं. ये सरकार सड़क पर थी. सड़क के अलावा और कोई इनके पास खबर नहीं थी.

‘गृहमंत्री के क्षेत्र में खुलेआम घूम रहे अपराधी, पहले इनको पकड़ें’

केंद्रीय गृह मंत्री के पाताल से नक्सली खोज निकालेंगे वाले बयान पर बैज ने पलटवार करते हुए कहा, गृह मंत्री के क्षेत्र में अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं. पहले वहां जाकर अपराधियों को पकड़ें, फिर पाताल से नक्सलियों को खोजने की बात करें.

बस्तर के जंगल में इन्हें नक्सली तो दूर मक्खी भी नहीं मिलने वाला है.

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