राजनांदगांव: जल संरक्षण को लेकर नित-नई पहल कर रहा जिला प्रशासन अब छोटे-बड़े नालाें को बांधकर नया अभियान शुरू करने जा रहा है। रेत से भरी बोरियों से नालों का बंधान किया जाएगा। ताकि व्यर्थ बह जाने वाले बरसाती पानी को रोका जा सके। इसका लाभ भू-जल स्रोत बनाए रखने के रूप में मिलेगा। इस कार्य को अभियान के रूप में किया जाए। कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक में कलेक्टर संजय अग्रवाल ने इसे लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जल संचय एवं संवर्धन के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। वर्षा ऋतु में जहां भी छोटे-बड़े नाले हैं, वहां बोरों में रेत भरकर जल संचय के लिए कार्य किए जाएं। इसके अलावा जल संचय के लिए पूर्व से निर्मित अधोसंरचनाओं के मरम्मत कराने कहा। बैठक में उन्होंने सभी निर्माण एजेंसियों से कहा कि वे अपने-अपने विभागों से संबंधित ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की सड़कें, जिन्हें निर्माण एवं संधारण किया जाना है, की सूची तैयार करें और उसके प्राक्कलन तैयार कर जिला कार्यालय को प्रस्तुत करें। वर्षा के कारण जिन सड़कों के मरम्मत की आवश्यकता है, उनका संबंधित ठेकेदारों से मरम्मत कराएं। कलेक्टर ने स्कूलों के मरम्मत, नवीन भवन, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, छात्रावास सहित अन्य निर्माण कार्यों के लिए निर्माण एजेंसियों की कार्यों की सूची तैयार कर जिला कार्यालय में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि उन्हें बजट में शामिल कराया जा सके।
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