शहर में करीब 50 साल से स्थापित हो रही गणेश पुत्री संतोषी की मूर्ति,राजनांदगांव की गणेश उत्सव परंपरा कई विशेषताओं को समेटी हुई है

शहर में करीब 50 साल से स्थापित हो रही गणेश पुत्री संतोषी की मूर्ति,राजनांदगांव की गणेश उत्सव परंपरा कई विशेषताओं को समेटी हुई है

 

 

राजनांदगांव : शहर के गणेश उत्सव की विशिष्ट परंपरा में कई तरह की खास बातें हैं। इन्हीं में से एक यह है कि यहां पिछले 50 वर्षों से एकमात्र दुर्गा चौक में संतोषी माता की पार्थिव प्रतिमा स्थापित की जाती रही है। इस वर्ष भी स्थापित कर दोनों समय पूजा-आरती और रात्रि में जस सेवा मंडलियों द्वारा भक्ति मय प्रस्तुति दी जा रही है।

शहर के दुर्गा चौक में स्थापित गणेश पुत्री संतोषी माता के पंडा सुरीत ढीमर ने बताया कि प्रतिवर्ष गणेश उत्सव में संतोषी माता स्थापना पूरे शहर में एकमात्र दुर्गा चौक में की जाती रही है। स्थापना का यह 49 वां वर्ष है। नित्य सुबह-शाम आरती पूजा की जाती है। चना गुड़ का भोग लगाकर प्रसाद वितरण के साथ रात्रि में जस सेवा भजन मंडलियों द्वारा भक्तिमय प्रस्तुति दी जाती रही है। कृष्ण कुमार पटेल ने बताया कि गणेश उत्सव के समापन के साथ संतोषी माता की प्रतिमा का विसर्जन रानी सागर में किया जाता है। शहर की बाकी सभी हजारों गणपति प्रतिमाएं विसर्जन के लिए नदी ले जाई जाती हैं। अगले साल स्थापना का स्वर्ण जयंती वर्ष मनाया जाएगा.

शहर के दुर्गा चौक में शतचंडी यज्ञ के लिए आज भूमिपूजन संपन्न हुआ। इस चौक में विशाल नीम पेड़ के नीचे भूमिपूजन को लेकर माता रानी के सेवक सुरीत ढीमर ने बताया कि दुर्गा चौक में क्वांर नवरात्रि पर्व पर दुर्गा माता की प्रतिमा स्थापित करने के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शतचंडी यज्ञ होने जा रहा है। आगामी शारदीय नवरात्र पर्व पर 3 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक बनारस के पंडितों द्वारा पूजा अनुष्ठान किए जाएंगे। प्रतिदिन सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक पूजा एवं यज्ञ एवं दोपहर बाद तीन बजे से शाम छह बजे तक महायज्ञ हवन आहुति का कार्यक्रम होगा प्रतिदिन रात आठ बजे से विविध धार्मिक का आयोजन होंगे। आयोजन को सफल बनाने की तैयारी में समिति के अध्यक्ष खेमचंद देवांगन, सचिव रितेश देवांगन, कोषाध्यक्ष संजय श्रीवास्तव सहित समिति के सदस्य जुटे हुए हैं।






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