पक्के आवास को देखकर पथराई आंखों में आई चमक,विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा) के बैसाखीन बाई को मिला अपना खुद का मकान

पक्के आवास को देखकर पथराई आंखों में आई चमक,विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा) के बैसाखीन बाई को मिला अपना खुद का मकान

खैरागढ़ 19 सितंबर 2024 :  जीवन की मूलभूत जरूरतो मे रोटी, कपड़ा के बाद मकान सबसे महत्वपूर्ण है। हर व्यक्ति के जीवन का सपना होता है कि उसका अपना खुद का पक्का घर हो। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और महात्मा गांधी नरेगा योजना के अभिसरण से प्रदेश के विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा) के लोगो को उनका खुद का पक्का मकान बनाने का सुनहरा अवसर मिल रहा है। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान से विशेष पिछड़ी जनजाति (बैगा) के लोगो के जीवन एवं रहन-सहन में भी काफी परिवर्तन हो रहा है।

ऐसा ही दृश्य खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के विकासखंड छुईखदान के सुदूर वनांचल ग्राम गोलरडीह मे देखने को मिल रहा है। ग्राम गोलरडीह के बैगा पारा की निवासी 67 वर्षीय बुजुर्ग महिला श्रीमती बैसाखीन बाई के पास अब खुद का अपना पक्का आवास है। यह आवास, उन्हे उम्र के इस पड़ाव में सुरक्षा व अपनेपन का सुखद अहसास करा रहा है। बैसाखीन बाई अपने नये और पक्के आवास को पाकर, अपने पुराने दिनो को याद करते हुए बताती हैं कि पहले मेरे पास रहने के लिए स्वयं का एक कमरे का कच्चा झोपड़ी था। बारिश के समय बहुत-सी समस्याओ का सामना करना पड़ता था । कच्ची छत से बारिश के दिनों में पानी टपकता था और घर में जमा हो जाता था, जिससे उनको रहने-खाने में काफी समस्या होती थी। साथ ही हमेशा मन में भय बना रहता था कि कही बारिश के कारण कच्ची छत का यदि एक भी हिस्सा गिरा तो, इस बुढ़ापे मे उनको तथा उनके आश्रितों को हानि पहुंच जाएगी। साथ ही हर साल बारिश के बाद घर मे फिर से मिट्टी से छबाई करनी एवं खपरे बदलने पड़ते थे। बुढ़ापे में बार-बार घर की मरम्मत करने में काफी दिक्कत होती थी और आस-पड़ोस के लोगो की मदद लेनी पड़ती थी। पक्का आवास बनने के बाद अब उनको वर्षों से बारिश के समय लगने वाले डर और असुरक्षा की भावना से मुक्ति मिल गई है। वह आगे बताती है कि जिंदगी भर रोजी-मजदूरी करके जैसे-तैसे अपनी जिंदगी का गुजारा कर रहे है लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वे खुद का पक्का मकान बना सके। बरसों से झोपड़ी में रहते हुए उन्होंने काफी समस्याए झेली, लेकिन एक सपना उनका भी था कि अपने और अपने परिवार के लिए पक्का मकान बनाना। 

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान बैसाखीन बाई और उनके परिवार के लिए किसी वरदान से कम नही है। उन्होने कभी सोचा भी नहीं था कि इस उम्र में वह अपना खुद का मकान बना सकेंगे। वर्ष 2023-24 मे प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के अंतर्गत आवास स्वीकृत हुआ है और लगभग 06 महीने में ही आवास निर्माण हो गया। कलेक्टर श्री चंद्रकांत वर्मा  एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी  जिला पंचायत राजनांदगांव सुश्री सुरुचि सिंह के द्वारा श्रीमती बैसाखीन बाई का गृह प्रवेश भी कराया गया। अब वो अपने परिवार के साथ अपने पक्के घर में बिना किसी भय के बहुत अच्छे से रह रही है। इसके लिए उन्होंने शासन प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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