रायपुर : छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले के तार झारखंड तक जुड़ गए हैं, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी आईएएस अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ छत्तीसगढ़ ईओडब्ल्यू ने 420 और 120 के तहत केस दर्ज किया है. चर्चा इस बात की भी है कि विनय चौबे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान सक्रिय शराब सिंडिकेट के साथ मुलाकात किया था.
विनय चौबे वर्तमान में झारखंड के पंचायत विभाग में सचिव के पद पर पदस्थ हैं. उन पर उत्पाद विभाग में बतौर सचिव पदस्थ रहने के दौरान शराब घोटाले में शामिल होने का आरोप है. वे उत्पाद विभाग के साथ-साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव भी थे. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस शासनकाल के दौरान अपनाई गई आबकारी नीति को अपनाया था. इस नीति को क्रियान्वित करने में विनय चौबे की अहम भूमिका बताई जा रही है.
काला धन जुटाना चाहते हैं हेमंत सोरेन
भाजपा झारखंड अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर किए अपने पोस्ट में कहा है कि ज़्यादा से ज़्यादा धन कमाने की आदत से मजबूर हेमंत सोरेन लगातार तीसरी बार शराब नीति बदलकर चुनाव के लिये कालाधन जुटाना चाहते हैं. इस बार घोटाले का मुख्य मकसद चुनाव के लिए भारी फंड जुटाना और चुनाव के समय गांव-गांव में शराब बांटना है. जिस सरकार का कार्यकाल दो महीने बचा है, वह अगले तीन साल के लिए शराब दुकान का ठेका परोक्ष रूप से पंजाब-हरियाणा वालों को सौंप कर मोटा काला धन वसूलना चाहती है.
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