गोलू कैवर्त संभाग प्रमुख छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार : शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व 3 अक्टूबर से प्रारंभ है जिसके चलते पूरे कसडोल विधानसभा के समूचे क्षेत्र में शक्ति की भक्ति में भक्तगण लीन हो कर माँ जगत जननी की सेवा आराधना में लगे हुए हैं।आपको बताते चलें कि नवरात्र पर्व के विशेष समय होने के कारण ग्रामीण इलाकों में दुर्गा पंडालो में माँ जगत जननी दुर्गा प्रतिमाओं की स्थापना हुई है वहीं अंचल के देवी मंदिरों में माँ के दरबार में भक्तों द्वारा मनोकामना ज्योति प्रज्वलित कराए गए हैं जिससे माँ के दरबार में आस्था के ज्योत जगमगा रही है।लवन की सुप्रसिद्ध सिद्ध शक्तिपीठ माँ महामाया मंदिर में मनोकामना ज्योत तेल संख्या 4हजार तो वहीं घी ज्योत की संख्या करीब 5 सौ है।इस सम्बंध में मन्दिराधिपति भावेश तिवारी ने पत्रकार गोलू कैवर्त को बताया कि माँ महामाया के दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ दूर दराज से पहुंच रहा है।माँ महामाया सिद्ध शक्तिपीठ है इसीलिए यंहा मांगी गई मनोकामना पूर्ण होती है।भक्तों की भीड़ नवरात्रि के प्रारंभ दिन से ही उमड़ रही है।
श्री तिवारी ने आगे बताया कि यहां मनोकामना ज्योत कलश प्रज्वलित करवाने वाले श्रद्धालुओं में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के अलावा विदेश से भी श्रद्धालु शामिल हैं।श्री तिवारी ने यह भी कहा कि यहाँ अष्ठमी तिथि को हवन प्रत्येक वर्ष होता है।दोनों नवरात्र चैत्र एवं शारदीय में मनोकामना ज्योत कलश की संख्या में बढ़ोतरी होते आ रहा है।श्री तिवारी ने एक बात रोचक तरीके से बताया कि यहां जंवारा विसर्जन अष्ठमी तिथि को रात्रि12 बजे बगल के तालाब में होता है जिसे पंडित एवं पुजारी के अलावा कोई नहीं देख सकता ,देखने वालों को हानि होने का शंका बना रहता है इस कारण कोई देखना मुनासिब नहीं समझता है।एक बात पंडित ने यह बात भी बताया कि पहले लवन का नाम लवणासुर नाम का राक्षस निवास करता था जिसका माँ महामाया देवी ने वध किया था उस दिन लवन का नाम लवणासुर राक्षस के नाम पर लवन पड़ा।मंदिर के बगल में तालाब जिसका नाम महामाई तालाब है जो भी उसमें स्नान करते हैं उसके सारे रोगों का नाश होता है।किवंदती के अनुसार माँ महामाया को संतान दात्री के रूप में सबसे ज्यादा माने जाते हैं इसलिए लोग संतान प्राप्ति की मनोकामना लेकर आते हैं।यंहा माँ महामाया के अलावा भैरव बाबा की विधिवत पूजा अर्चना भी होती है।माँ के दरबार में 24घण्टे जसगीत पार्टी द्वारा मनमोहक जसगीत गाकर श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध भी किये जा रहे हैं।
Comments