छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल को कीट से बचने के लिए ये उपाय करें…

छत्तीसगढ़ के किसान धान की फसल को कीट से बचने के लिए ये उपाय करें…

छत्तीसगढ़ में इस साल अच्छी बारिश हुई है. लेकिन अच्छी बारिश के बावजूद, हाल ही में तेज धूप और मौसमी मौसम की स्थिति के कारण, छत्तीसगढ़ के कई मसालों में धान की खेती में तना छेदक, बांकी और ब्लाइट जैसी ही स्थिति के लक्षण सामने आ रहे हैं. इन बीमारियों से मुक्ति के लिए कृषि विभाग ने किसानों को कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं.

कृषि विभाग के अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी है कि वे इस समस्या से बचने के लिए फेरोमोन ट्रैप और लाइट ट्रैप का उपयोग कर सकते हैं. ब्राउन माहो कंट्रोल किट के उपयोग के लिए फोरेट की सलाह दी जाती है. यदि किट का संक्रमण गंभीर है तो इमिडाक्लोप्रिड या एथिप्रोपिमिडाक्लोप्रिड का उपयोग किया जा सकता है. इसे और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए दोपहर 3 बजे के बाद अगले 10 से 15 दिनों के लिए इसे दोगुना कर देना चाहिए.

इन दवा का छिड़काव कर सकते हैं

वैज्ञानिकों ने बताया कि तना छेदक, बंकी और चितरी इन तीनों के लिए एक ही दवा है. फिनिल नाम की दवा भी डेनियल के रूप में आती है. किसान इसे चार एकड़ प्रति एकड़ की दर से लगा सकते हैं या 500 ग्राम प्रति एकड़ की दर से तरल पदार्थ का मिश्रण कर सकते हैं. इसके अलावा फतेरा नामक दवा का प्रयोग भी 4 किलोमीटर प्रति भिक्षु की दर से करना चाहिए. इसके लिए इसका प्रयोग 80 से 100 मिली प्रति सेकंड की दर से करना चाहिए.

सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा

छत्तीसगढ़ में धान के अच्छे उत्पादन की उम्मीद है. सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान की सरकारी खरीद का लक्ष्य रखा है.साय सरकार ने धान सहित अन्य कृष‍ि उपज की सरकारी खरीद में गड़बड़ी की शिकायतों का समाधान करते हुए इस साल तकनीक के सहारे Transparent Procurement Process अपनाने का फैसला किया है. सरकार की ओर से बताया गया कि इस साल धान की पारदर्शी और अबाध खरीदी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनों का उपयोग होगा.

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