एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के अतिथि शिक्षक भूखे मरने मजबूर

एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के अतिथि शिक्षक भूखे मरने मजबूर

परमेश्वर राजपूत, गरियाबंद/छुरा :  एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय  में पूर्व से नियोजित / कार्यरत अतिथि शिक्षक जिन्हे तत्कालीन संचालक महोदया द्वारा अपनी अकर्मण्यता के चलते केंद्र शासन द्वारा राज्य में पदस्थ अतिथि शिक्षकों की जानकारी मांगे जाने पर निरंक जानकारी भेज कर हम लोगों को  निर्दयता व क्रूरता से विद्यालय से निकालकर बेरोजगार कर दिया गया है। जो की पिछले 8-10 वर्षो से निरंतर अपनी सेवा देकर एवं परिसर में रहकर अध्ययनरत विद्यार्थियों के देखभाल से लेकर आदिवासी विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास कर विद्यालय का नाम रोशन किया है।

भारत सरकार जनजातीय मंत्रालय राष्ट्रीय आदर्श आदिवासी छात्र - शिक्षा समिति NESTS द्वारा विज्ञापन क्र. NESTS/Admin/GBM/31/2020-21 Dated 02-06-2023 के भर्ती प्रक्रिया में अनुभव का लाभ नहीं दिया गया ना ही किसी प्रकार की प्राथमिकता दी गई एवं छत्तीसगढ राज्य आदिम जाति कल्याण, आवासीय एवं आश्रम शैक्षणिक संस्थान, इंद्रावती भवन, अटल नगर, रायपुर द्वारा नियोजित अतिथि शिक्षकों के हित में किसी भी प्रकार का कार्य नहीं किया गया। भारत के अन्य राज्यों में अतिथि शिक्षकों को पहले स्थाई किया गया शेष बचे पदों पर केंद्र ने भर्ती किया (सुलभ संदर्भ हेतु अन्य राज्यों में किए गए भर्ती आदेश की प्रति संलग्न ) प्रशासन के गलती के चलते  हम समस्त अतिथि शिक्षक का भविष्य अंधकारमय हो गया है एवं हमारे परिवार का पालन पोषण करने में असमर्थ कर हमेशा के लिए बेरोजगार कर दिया गया है। 

इसी संदर्भ में हम हमारे राज्य के समस्त जन प्रतिनिधियों से मुलाकात किये और साथ ही हम हमारे राज्य के मुख्यमंत्री विष्णु देवसाय  से मुलाकात कर हमारी समस्यायों से अवगत कराये उनके द्वारा मौखिक रूप से आश्वाशन दिया गया कि आप समस्त एकलव्य अतिथि शिक्षकों को राज्य के शिक्षा विभाग में संविलियन कराकर आप सभी के लिए रोजगार की व्यवस्था करेंगे। उन्होंने तत्परता दिखाते हुए अपने सचिव पी० दयानंद एवं स्कूल शिक्षा सचिव / संचालक को दूरभाष पर निर्देशित किया गया अगले कैबिनेट की बैठक में अतिथि शिक्षकों के संविलियन हेतु नस्ती प्रस्तुत करें किन्तु आज छः से सात महीने बीत चुके है हमारी नस्ति केबिनेट में प्रस्तुत नहीं की जा सकी है । मुख्यमंत्री  ने दोबारा तत्काल नस्ती प्रस्तुत करने अपने सचिव दयानंद को एवं स्कूल शिक्षा सचिव को इस संबंध में तत्काल नस्ती प्रस्तुत करने निर्देशित किये । हम इन छः से सात महीनो में लगातार छत्तीसगढ़ के तमाम जनप्रतिनिधि और मुख्यमंत्री से मुलाकात करते रहे और सभी के द्वारा आश्वासन मिल रहा है की आप लोगों का  कार्य हो रहा है किंतु आज तक हमारा कुछ नही हो पाया हमको कोई लिखित में आदेश नही मिल पाया ।

हमारी आर्थिक मानसिक स्थिति दिनों दिनों खराब होते जा रही है हमको हमारे परिवार का पालन पोषण करने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है । जान पहचान एवं अपने रिश्तेदारों से उधारी लेकर अपना एवं परिवार का पालन पोषण करने मजबूर हैं । स्तिथि यह बन गईं है कि हमारे कुछ शिक्षकों का पिछले साल शादी हुआ वह तो टूटने के कगार पर आ चुका है तलाक के लिए कोर्ट में याचिका कर रहे हैं इसका मुख्य कारण हमारा बेरोजगारी है , एक संस्था को 10 साल देने का यह परिणाम है । हम लोगों का सुध लेने वाला कोई नहीं है हम आपके पत्र के माध्यम से शासन से निवेदन करते है की   मुख्यमंत्री द्वारा हमारे संविलियन की नस्ती को कैबिनेट बैठक जल्द से जल्द में रखने हेतु ठोस आश्वासन देकर हमें जीने के लिए संबल प्रदान करें और हमें अपमानित होने से बचायें । वहीं मिडिया से अनुरोध करते हुए कहा कि पूर्व में भी आप लोगों ने हमारी समस्या को वृहद रूप में एवं सद्भावना पूर्ण अपने मिडिया में स्थान देते हुए प्रकाशित किए थे। और अभी कहीं भी कोई आशा का किरण नहीं दिख रही है ऐसे में आप सभी हमें सहयोग कर हमें अपनी समस्याओं को दूर करने में अपना साथ एवं संबल प्रदान करेंगे।
यह जानकारी छत्तीसगढ़ एकलव्य अतिथि शिक्षक संघ के  प्रदेश अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के द्वारा दी गई है।

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