राजनांदगांव : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया पैनलिस्ट अभिमन्यु उदय मिश्रा ने अपने एक जारी बयान में कह कि छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार किसान हितैषी होने का ढोंग कई बार कर चुकी है। इस साल भी समर्थन दर पर धान खरीदी के मामले में शुरू हो गई है। हरुना धान पककर तैयार है और तैयार हो भी रही है। 30 अक्टूबर दिवाली के पहले बहुत से किसान अपनी शीघ्र पकने वाली फसल धान की फसल मिंजकर घरों में रखे रहेंगे। राज्य के भाजपा सरकार की चतुराई देखिए की उन्हें मालूम है किसान अपनी बहुत सारी मिजी हुई फसल घर पर नहीं रख सकेंगे। क्योंकि जगह का अभाव रहेगा। चूहे और मवेशी परेशान करेंगे। बादल पानी का भी डर रहेगा। ऐसी स्थिति में हरुना धान ज्यादा बोने वाले किसानों को धान बेचने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।
मिश्रा ने आगे कहा कि किसान दिवाली में नगद नारायण के लिए मंडी में व कोचियों को धान बेचने मजबूर होंगे कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक द्वारा बाहरी लोग अब धान सीधा किसान से खरीद सकते हैं जिसमें विवाद की स्थिति भी अगर बनी तो सरकार बीच में नहीं आएगी ऐसे में मजबूरन किसान को बाहर धान बेचना पड़ेगा क्योंकि उन्हें मजदूरों का पैसा देने कर्ज छूटने हार्वेस्टर आदि के लिए नगद राशि की जरूरत होगी और वह मंडी में धान बेचने मजबूर होंगे। 15 नवंबर तक हजारों क्विंटल धान सोसाइटीयों में बिक चुके होंगे। इससे सरकार को बड़ा फायदा होगा किसानों को घाटा होगा जो किसान धान बोए है। सेवा सहकारी समितियां में धान बेचने में आपाधापी होगी। क्योंकि भीड़ बढ़ेगी और इस भीड़ बढ़ने की चक्कर में खेतों में खड़ी फसल को कटवाने मिलजवाने में भी दिक्कत होगी। किसानों की इन सब परेशानियों को देखते हुए श्री मिश्रा ने सरकार से सोसाइटीयों में धान खरीदी 1 नवंबर छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस एवं गोवर्धन पूजा के दिन से आरंभ करने की मांग की है। ठीक साथ ही उन्होंने यह भी मांग की है कि धान खरीदी की समाप्ति की तिथि भी 15 दिन आगे की जाए। क्योंकि इस साल छत्तीसगढ़ में विपुल उत्पादन की स्थिति दिख रही है साथ ही किसानों को भुगतान के लिए पैसों की व्यवस्था अग्रिम रूप से करने की सलाह दी है साथ ही हर एक पंचायत में सहकारी सोसायटी खोलने का जो वादा कर भाजपा शासन में आई है उसे जल्द से जल्द पूरा करने की मांग की है ।
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