राजनांदगांव : ममतानगर की आनंद विहार कालोनी में 12 लाख रुपये की लागत से बनाया गया सामुदायिक भवन लावारिस हो गया है। साढ़े चार वर्ष से वहां पीडीएस की राशन दुकान बिना अनुमति और किराया के संचालित की जा रही है। नगर निगम आयुक्त के नाम से लगे विद्युत कनेक्शन का भी मुफ्त में उपयोग किया जा रहा है। आश्चर्य की बात यह है कि भवन को लेकर निगम के पास कोई अद्यतन जानकारी ही नहीं है। पखवाड़ेभर पहले तक तो जिम्मेदारों को तो यह ही पता नहीं था कि आनंद विहार कालोनी में निगम का कोई सामुदायिक भवन भी है। राजस्व विभाग का प्रभार संभाल रहे उपायुक्त मोबिन अली कह रहे हैं कि वे केवल दुकान किराया से संबंधित मामले देखते हैं। कार्यपालन अभियंता यूके रामटेके को यह मामला देखने कहा है। रामटेके का कहना है कि पता लगवाएंगे। फिर संबंधित को नोटिस देंगे। पार्षद संतोष पिल्लै ने कोरोना काल में इस सामुदायिक भवन को पीडीएस की दुकान के लिए दिलवाया था। वे मान तो रहे हैं कि सामुदायिक कार्यों के लिए बने भवन में दुकान का संचालन गलत है, लेकिन उनकी तरफ से दुकान को खाली कराने कोई पहल नहीं किया जाना, कई तरह के संदेह को जन्म दे रहा है।
पीडीएस की दुकान प्रियदर्शनी महिला प्राथमिक उपभोक्ता सहकारी भंडार को आवंटित है। संचालन मनोज जैन नाम का व्यक्ति कर रहा है। यह दुकान पहले ममतानगर के ही गली नंबर तीन में थी। कोरोना काल में (वर्ष 2020) पार्षद ने उस भवन को सौंप दिया जिसका निर्माण सामुदायिक भवन के लिए कराया गया है। तबसे दो मंजिला भवन पर अवैध कब्जा बना हुआ है। कुछ वर्ष पहले वहां युवकों की मांग पर जिम खोलने की तैयारी कर ली गई थी। उपकरण भी आ गए, लेकिन पीडीएस की दुकान को न हटाना पड़े, इस कारण जिम स्थगित कर दी गई। उपकरण वहां पड़े-पड़े सड़ गए।
राजस्व की चाेरी रोकने में गंभीरता नहीं
उक्त सामुदायिक भवन लगभग छह हजार वर्गफीट में निर्मित है जो दो मंजिला है। उस क्षेत्र के हिसाब से उसका मासिक किराया कम से कम 20 हजार रुपये तो होगा ही। यानी हर वर्ष 4.80 लाख रुपये। तीन माह से कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पाने वाले नगर निगम प्रशासन एक तरफ राजस्व वसूली पर पूजा जोर लगा रहा है। वहीं इस मामले में राजस्व की चोरी रोकने कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही। खबर है कि पीडीएस की दुकान के संचालक मनोज जैन निगम के नाम से नियमित किराया दे रहे हैं, लेकिन वह कहां जा रहा, यह जांच का विषय है।
बयान-
पूरा किराया वसूला जाएगा
मामला संज्ञान में आने के बाद से कार्रवाई की प्रक्रिया की जा रही है। दुकान संचालक को नोटिस देकर भवन से हटाया जाएगा। साथ ही उनसे अब तक का पूरा किराया भी वसूल किया जाएगा। इसमें कोताही नहीं चलेगी।
अभिषेक गुप्ता, आयुक्त, नगर निगम
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