डोंगरगढ़: धर्मनगरी में दीपावली पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। धनतेरस के साथ ही पांच दिनों का दीपावली पर्व प्रारंभ हुआ, जो भाई दूज के साथ संपन्न हुआ। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा कर अपने स्वस्थ जीवन की परिकल्पना लोगों ने की। दूसरे दिन छोटी दीपावली को लोगों ने इस रूप चौदस व नरक चतुर्दशी के रूप में इसे मनाया। तीसरे दिन बड़ी दीपावली यानी मुख्य पर्व को लोगों ने अपनी पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए विधि-विधान से मां महालक्ष्मी जी का पूजन कर पटाखे जलाए। दीपकों से रोशनी की गई घरों की लिपाई-पुताई कर उसे सजाया गया। घरों के द्वार पर तोरण बांधकर शुभ की कामना की गई। एक-दूसरों को बधाई देकर घरों के सामने रंगोली भी सजाई गई।
दीपावली के दूसरे दिन यानी 2 नवंबर को गौरी-गौरा का पर्व भगवान शंकर पार्वती व गणेश जी की शोभायात्रा निकालकर खुशहाली की कामना की गई। महावीर तालाब पहुंचकर वहां विसर्जन किया गया। गौशालाओं में पशुधन को सजाकर उनकी पूजा-अर्चना करके उन्हें गुड़ खिलाकर उनके स्वस्थ जीवन की कामना भी की गई। 3 नवंबर को भाई दूज पर पर बहनों ने अपने भाई को तिलक लगाकर श्रीफल व मिठाई खिलाकर उसका सम्मान किया, उसके जीवन की खुशहाली की कामना की।
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