राजनांदगांव : जिला किसान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मदन साहू ने अपने एक जारी बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ की सत्ता सीन भाजपा ने किसानों के साथ एक बार और विश्वास घात किया है। चुनाव के समय ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर प्रतिबंध लगाने कोई बात नहीं कही थी। लेकिन रवि सीजन का धान बोने के समय ग्रीष्मकालीन धान की खेती पर प्रतिबंध का फरमान जारी कर गांव-गांव मुनादी कर रही है। इससे ग्रामीण किसान ही नहीं गांव की खेतीहर मजदूर भी सरकार के इस निर्णय का विरोध जताने लगे हैं। ग्रामीण किसान मजदूर को गर्मी के दिनों में आर्थिक दशा सुधारने खेती ही मुख्य कार्य होता है। लेकिन इस पर भी प्रतिबंध लगाकर किसानों के साथ अन्याय और छल करने का काम कर रही है। छत्तीसगढ़ के विष्णुदेव साय सरकार को आगामी आम चुनाव में इसका खामियाजा भुगतान पड़ सकता है।
श्री साहू ने आगे कहा कि रबी सीजन में धान की खेती करने पर प्रतिबंध लग गया है। जिला प्रशासन ने इसके लिए अपील जारी की है। अब गांव-गांव में मुनादी कर किसानों को फसल नहीं लगाने की बात कही जा रही है। वहीं गांवों में हो रही मुनादी में धान की फसल लगाने पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगने की भी बात कही जा रही है। दरअसल खरीफ सीजन में ही मोटर पंप चलने की वजह से पेयजल स्तर में तेजी से गिरावट हुई थी। आशंका है कि रबी सीजन में किसान धान की फसल लगाते हैं तो करीब 50 हजार बोर के माध्यम से पानी खींचा जाएगा। इससे जलस्तर तेजी से घटेगा। इससे आगे पेयजल की समस्या हो सकती है। इसे देखते हुए प्रशासन ने किसानों से रबी सीजन में धान की बजाए दूसरी फसल लेने की अपील की है।
ऐसी फसल लगाने कहा जा रहा है, जिसमें पानी का इस्तेमाल कम हो। हालांकि प्रशासन के इस फरमान से किसानों में आक्रोश भी है। गर्मी में धान की फसल को काम करने के लिए किसानों में जन जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। सरकार के पास ऐसी कोई योजना नहीं है। कि फसल चक्र परिवर्तन करें और दूसरी फसल लगाई उसकी क्या व्यवस्था है सरकार कैसे खरीदें बिना कोई योजना के फरमान जारी करना गलत है। यह फरमान को शासन वापस नहीं लिया तो किसानों के साथ सड़क की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है।
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