नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2 अगस्त के फैसले की समीक्षा की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने नए सिरे से NEET-UG 2024 परीक्षा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने मामले पर खुली अदालत में सुनवाई के अनुरोध को भी ठुकरा दिया। यह याचिका काजल कुमारी ने दायर की थी। कोर्ट के आदेश से स्पष्ट हो गया है कि इसकी परीक्षा दोबारा नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बताई खारिज करने की वजह
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि उसके फैसले में कोई त्रुटि नहीं है। रिकॉर्ड को देखते हुए कोई त्रुटि स्पष्ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट रूल्स 2013 के आदेश XLVII नियम 1 के तहत समीक्षा के लिए कोई मामला स्थापित नहीं हुआ है। इसलिए, समीक्षा याचिका खारिज की जाती है।
पहले कोर्ट ने दिया था ये आदेश
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने NEET- UG 2004 परीक्षा दोबारा कराने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले मे कहा था कुछ विशेष सेंटर पर ही लीकेज की बात सामने आई थी इसलिए पूरे देश की परीक्षा रद्द करना व्यावहारिक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पेपर लीकेज पूरे देश मे नही था सिर्फ दो जगहों तक ही सीमित था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई थी। 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह NEET-UG 24 को फिर से आयोजित करने का आदेश नहीं दे सकता क्योंकि उसके रिकॉर्ड में कोई पर्याप्त सामग्री नहीं है जो प्रणालीगत लीक या धांधली का संकेत देती हो।
केंद्र ने नियुक्त किया था पैनल
शीर्ष अदालत ने केंद्र द्वारा नियुक्त पैनल -पूर्व भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (स्नातक) (NEET-UG) आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए गठित किया था। चूंकि पैनल के अधिकार क्षेत्र का विस्तार किया गया था, इसलिए शीर्ष अदालत ने कहा कि समिति परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करने के लिए विभिन्न उपायों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
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