भारत के साथ धोखा कर रहीं पेप्सिको, यूनिलीवर जैसी कंपनियां! देश में खराब क्वालिटी के प्रोडक्ट बेचने का आरोप

भारत के साथ धोखा कर रहीं पेप्सिको, यूनिलीवर जैसी कंपनियां! देश में खराब क्वालिटी के प्रोडक्ट बेचने का आरोप

ग्लोबलपैकेज्ड फूड्स कंपनियां जैसे पेप्सिको (PepsiCo), यूनिलीवर (Unilever) और डैनोन (Danone) भारत समेत दूसरे अन्य लो-इनकम वाले वाले देशों में कम हेल्दी प्रोडक्ट बेच रही हैं। यह आरोप ग्लोबल पब्लिक नॉन-प्रॉफिट फाउंडेशन Access to Nutrition Initiative (ATNI) की एक नई इंडेक्स रिपोर्ट में लगाया गया है। ATNI ग्लोबल इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार, ये कंपनियां निम्न-आय वाले देशों में ऐसे उत्पाद बेच रही हैं, जिनकी हेल्थ स्टार रेटिंग उच्च-आय वाले देशों में बेचे जा रहे उत्पादों की तुलना में काफी कम है। रिपोर्ट में निम्न और निम्न-मध्यम-आय वाले देशों के रूप में इथियोपिया, घाना, भारत, केन्या, नाइजीरिया, पाकिस्तान, फिलीपींस, तंजानिया और वियतनाम को शामिल किया गया है।

अच्छे प्रोडक्ट्स यूरोप में ही बेच रहे

रिपोर्ट के अनुसार, उदाहरण के लिए लेज चिप्स और ट्रॉपिकाना ज्यूस बेचने वाली पेप्सिको ने अपने "न्यूट्री-स्कोर A/B" वाले प्रोडक्ट्स की बिक्री बढ़ाने का टार्गेट रखा है, लेकिन यह टार्गेट केवल यूरोपीय यूनियन के स्नैक्स पोर्टफोलियो तक ही सीमित है। यूनिलीवर के फूड प्रोडक्ट्स में क्वालिटी वॉल्स, मैग्नम आइसक्रीम नॉर सूप्स और रेडी-टू-कुक मिक्स शामिल हैं। जबकि डैनोन भारत में प्रोटिनेक्स सप्लीमेंट्स और एपटामिल इन्फेंट फॉर्मूला बेचता है।

30 कंपनियों की रैंकिंग की

इस एनजीओ ने 30 ऐसी कंपनियों की रैंकिंग की है, जिनके हेल्थ स्कोर में डेवलप्ड और लो-इनकम देशों के बीच बड़ा गेप है। यह स्टार रेटिंग सिस्टम ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड में डेवलप किया गया है। यह पहली बार है जब ATNI इंडेक्स ने स्कोर को निम्न और उच्च-आय वाले देशों में बांटा है। भारत में ऑपरेट करने वाली प्रमुख कंपनियों में पेप्सिको, डैनोन और यूनिलीवर शामिल हैं।

किसे कितना स्कोर मिला?

यूएस बेस्ड ATNI इंडेक्स के अनुसार, हेल्थ स्टार रेटिंग सिस्टम के तहत प्रोडक्ट्स को 5 अंकों में से उनके हेल्थ स्कोर के आधार पर रेट किया जाता है। जिसमें 5 सबसे अच्छा स्कोर है और 3.5 से ऊपर का स्कोर स्वस्थ माना जाता है। निम्न-आय वाले देशों में, खाद्य कंपनियों के पोर्टफोलियो को 1.8 स्कोर पर टेस्ट और रैंक किया गया। जबकि उच्च-आय वाले देशों में ऐसे उत्पादों को औसतन 2.3 स्कोर प्राप्त हुआ।

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