गोलू कैवर्त संभाग प्रमुख छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार : वर्ष 1919 से प्रत्येक 05 वर्षों में देशभर में पशुओं की गणना की जा रही है। इस वर्ष दिनांक 25 अक्टूबर 2024 को केन्द्रीय मंत्री मत्स्यपालन पशुपालन एवं डेयरी विभाग भारत सरकार द्वारा 21वीं पशुसंगणना कार्य का शुभारंभ किया गया। पशु गणना के 105 वर्षो के इतिहास में पहली बार घुमंतु चरवाहो के पशुओं की गणना की जा रही है। घुमंतु चरवाहा अपने पशुओं को लेकर एक जगह से दूसरे जगत सामान्य चराई की खोज में पलायन करते है। जिले में प्रत्येक वर्ष अन्य प्रदेश के चरवाहा समूह अपने पशुओं के साथ प्रवास पर रहते है। विभाग के मैदानी अमले से ज्ञात हुआ ऐसे समूह विकासखण्ड बलौदाबाजार के ग्राम कुकरदी तथा डमरू क्षेत्र में है जो कि गुजरात के रबारी समूदाय के है तथा अपने भेड बकरी, उंट एवं श्वान के साथ प्रवास पर है। 21वीं पशु संगणना का कार्य भारत सरकार द्वारा तैयार किए गए ऐप के माध्यम से किया जा रहा है जिसमे पहली बार घुमंतु चरवाहा समूहो की जानकारी एकत्र करने के लिए प्रावधान किया गया है।
संगणना के दिन वे जिस जगह पर होंगे, वहा जानकारी एकत्र किया जाएगा एवं उनकी गणना उनके मूल निवास स्थान के नाम से होगा। घुमंतु पशुओं की गणना सही से हो इसके लिये भारत सरकार के पशुपालन सांख्यिकी विभाग के साथ काम कर रहे पैस्टोरल सेन्सेस सपोर्ट सेल के नई दिल्ली से आए प्रतिनिधियों रमेश भाटी, सुश्री कावया एवं अंकिता, संचालनालय पशु चिकित्सा सेवायें के सांख्यिकी शाखा प्रभारी अधिकारी डॉ सुधीर पंचभइ, हुमन सिंह दिवान तथा जिले के उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवायें डॉ नरेन्द्र सिंग,पशु संगणना के जिला नोडल अधिकारी डॉ वन्दना उपेन्द्र रात्रे , डॉ उपेन्द्र रात्रे ,डॉ एल एन जायसवाल, डॉ तरूण सोनवानी , डॉ संतोष साहू संचालनालय के प्रगणक सुप्रीयो शील ग्राम के प्रगणक राजकुमार रजक द्वारा दिनांक 08 नवम्बर 2024 को घुमंतु चरवाहा समूहो से ग्राम कुकुरदी भाठा में भेट देकर जानकारी एकत्र किया गया। समूह के सदस्यो द्वारा बताया गया कि उनके जिवनकाल में कभी भी उनके पशुओ की गणना नही इुई है तथा ऐसा पहली बार है जब भारत शासन ने उनके पशुओं की गणना का निर्णय लिया है। उनके पशुओ की गणना होने से उन्हे भी मुख्य धारा से जोडा जा सकेगा, टीकाकरण उपचार एवं अन्य योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा। इस पहल के लिये उन्होने सभी का आभार व्यक्त किया तथा विभाग से सहयोग हेतु अपील किया गया।
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