गोलू कैवर्त संभाग प्रमुख छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार :जिला मुख्यालय बलौदाबाजार के कसडोल विधानसभा के लवन तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत कोलिहा के सरकारी जमीन पर निर्मित एवं संचालित पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय लवन में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती को उत्साह के साथ 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में मनाकर श्रंद्धाजलि अर्पित किये गए।इस अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं ने एक से बढ़कर एक अपनी प्रतिभा का कौशल दिखाए। विद्यालय के प्राचार्या श्रीमती बी गिरिजा, अध्यापक गण और सभी विद्यार्थियों ने पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर पूजन कर पुष्प अर्पित किए इस बाल दिवस के पावन अवसर पर विद्यालय के नवमी कक्षा की छात्राएं तोषिता वर्मा , साक्षी जांगड़े और आलिया बंजारे ने बाल दिवस और नेहरू के संदर्भ में ओजस्वी भाषण प्रस्तुत कर सबको प्रेरित किये साथ ही विद्यालय के प्राचार्या श्रीमती बी गिरिजा ने राष्ट्रीय बाल दिवस के उपलक्ष में सभी विद्यार्थियों को बधाई शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू बच्चों को देश का भविष्य मानते थे और उनका मानना था कि बच्चों के अच्छे विचार और शिक्षा में उन्नति होनी चाहिए जिससे कि भविष्य में समाज और राष्ट्र के लिए सकारात्मक योगदान दे सकें इसके उपरांत विद्यालय के भूगोल प्रवक्ता चंदन कुमार तिवारी ने विद्यार्थियों को बाल दिवस की शुरुआत वियना सम्मेलन सन 1925 से हुई जिसमें विभिन्न राष्ट्रों ने भाग लिया और बताया कि किसी भी राष्ट्र का विकाश स्तंभ उस राष्ट्र के बच्चों पर टिका हुआ है इसलिए प्रत्येक राष्ट्र किसी एक तिथि को बाल दिवस मनाए और बच्चों के सर्वांगीण विकाश पर ध्यान दे तथा पहली बार विश्व बाल दिवस 20 नवंबर 1954 को मनाया गया, भारत में प्रथम बार बाल दिवस 20 नवंबर 1959 को मनाया गया सन् 1964 में पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद बाल दिवस को 20 नवंबर के स्थान पर 14 नवंबर को पंडित जवाहर लाल नेहरू के जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाने लगा इस जानकारी के बाद श्री तिवारी ने बाल दिवस के महत्व पर भी प्रकाश डाला और बच्चों को विशेष जानकारी प्रदान की ।वहीं विद्यालय के संवेदनशील शिक्षक राजेंद्र सिक्का ने बाल दिवस पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू को बच्चों से अत्यधिक लगाव था इसी कारण छात्र -छात्राएं उन्हें चाचा नेहरू के नाम से संबोधित करते थे।बच्चों के प्रति नेहरू का स्नेह एवं नेहरू का बच्चों द्वारा सम्मान पूर्वक चाचा नेहरू पुकारना अच्छा लगता था इसी कारण देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अपने जन्मदिन को बच्चों के नाम करते हुए उस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा किये तब से लेकर आज तक पंडित नेहरू के जन्मदिन को पूरे भारतवर्ष बाल दिवस के रूप में मनाते आ रहा है।बाल दिवस के अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं सहित शिक्षक शिक्षिकाए उपस्थित रहे।
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