राजनांदगांव :कलेक्टर संजय अग्रवाल ने जिला पंचायत के सभाकक्ष में नेशनल हाईवे एवं अन्य सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए घुमंतू पशुओं के व्यवस्थापन के संबंध में बैठक ली। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि हमें गौ सेवा करने के लिए बचपन से ही बताया जाता है और यह पुण्य का कार्य है। पशुओं के सड़कों पर विचरण एवं बैठने के कारण पधुधन और जनधन की हानि की संभावना बनी रहती है। इसके लिए हमें पशुओं को व्यवस्थित स्थान जहां पर चारा, पानी, छाव सभी प्रकार की व्यवस्था हो ऐसे स्थानों पर विस्थापित करना होगा। कलेक्टर श्री अग्रवाल ने नेशनल हाईवे और अन्य सड़कों पर बैठने वाले मवेशियों की जानकारी दी। उन्होंने गौशाला संचालकों एवं पशुपालकों से चिन्हांकित घुमंतू पशुओं की व्यवस्थापन के संबंध में चर्चा की। गौशाला संचालकों एवं पशु पालकों को स्वेच्छा से घुमंतू पशुओं को रखने कहा। उन्होंने कहा कि गौसेवा बहुत पुण्य का कार्य है, इसे सेवाभाव से करना चाहिए। उन्होंने बताया कि गौशाला से पशुपालकों को स्वावलंबी बन सकते हैं। इससे गौमूत्र, कंडा, फिनाईल, धूपबत्ती जैसे कई प्रकार के उत्पाद बनाए जा सकते हैं। उन्होंने गौशाला संचालन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गौ पालकों को गौशाला संचालन की प्रक्रिया एवं पंजीयन के संबंध में भी जानकारी दी।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने सरपंच एवं सचिवों को मवेशियों के लिए अपने-अपने स्तर पर गांव में रखने के लिए व्यवस्था करने कहा, जिससे पशु सड़क पर नहीं बैठे। उन्होंने पशु आश्रय स्थल में पैरादान करने कहा। कलेक्टर ने जिले के सभी पशु स्थलों में रखे मवेशियों की नियमित जांच कराने के लिए रोस्टर में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाने के निर्देश पशु चिकित्या विभाग के अधिकारियों को दिए।
जिला पंचायत सीईओ सुश्री सुरूचि सिंह ने ग्राम पंचायत सरपंच और सचिवों को ग्रामों में पशु आश्रय स्थल में पैरादान करने की व्यवस्था करने कहा। बैठक में उपस्थित लोगों ने अपने-अपने विचार भी साझा किए। इस अवसर पर उप संचालक पंचायत श्री देवेन्द्र कौशिक, उप संचालक पशु चिकित्सा विभाग, सभी सीईओ जनपद पंचायत, ग्राम पंचायतों के सरंपच व सचिव, गौशाला संचालक, गौ संस्कृति अनुसंधान संस्थान के अध्यक्ष श्री राधेश्याम गुप्ता, श्रीराम गौशाला खपरीकला के प्रतिनिधि श्री देवेन्द्र साहू, गौशाला प्रबंधन समिति के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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