फिर निकला है बोतल से जिन्न, जिन्न सवार हो जाए तो व्यक्ति की मानसिक दशा सुधारने के लिए कहते हैं तंत्र-मंत्र का सहारा लेना पड़ता है राजनीति में कहते हैं कोई किसी का स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता । संभावनाओं के द्वारा हमेशा खुले रहते हैं छत्तीसगढ़ की राजनीति में किसी वस्तु की अपार संभावनाएं थीं है और रहेगी । वों वस्तु है शराब और इस बार बोतल से शराब रूपी जिन्न बाहर आया है छत्तीसगढ़ की राजनीति को स्थायित्व और अस्थायित्व शराब ने ही प्रदान किया है राजस्व के लिए भटकती सरकारें जब पुरुषार्थ खों देती है तो उनकी निर्भरता शराब और शराब खाने पर ही नहीं चखना खाने पर भी टिक जाती है छत्तीसगढ़ में तो कोरोना के वक्त मंदिर से पहले मदिरालय खोले गए उस सरकार के द्वारा जिसने शराब बंदी की गंगा जलीय कसमें खाई थी बिना भविष्य और अपने पुरुषार्थ का आंकलन किए खाई गई कसमे वादों को पूरा नहीं होना था सो नहीं हुआ बर्बस कसमे वादे प्यार वफ़ा सब बातें हैं बातों का क्या --------------
यही आपको भी याद आ रहा होगा जब सरकार ने शराब का सरकारी करण किया तो पीसीएम की चर्चा होती थी शराब के समुद्र राम सिंह पहले डुबे फिर दूसरी सरकार आई शराबबंदी की कसमें खा कर अब की बारी बड़े-बड़े तैराक शराब के भ्रष्टाचार रूपी समुद्र में डूब गए अरुणोदय की जगह शराब पति दूरकारी घर पहुंच सेवा वाले साहब अपने घर से जेल पहुंच गए । अनिल टूट- टूटकर निल (शून्य )हो गए वर को जेल का वर मिल गया, आबकारी के सारे अधिकारी सांस थामें अपने नपने की तैयारी में तंत्र- मंत्र जुगाड़ का सहारा ले रोटी तोड़ने से इनकार करना चाह रहे हैं क्योंकि बारी अब जेल में तोड़ने की आ गई है जिस शराब ने अधिकारी, व्यापारी और सरकार को डूबा दिया उस सरकार के तत्कालीन मुखिया दूरकारी ,आबकारी नीति के प्रणेता जिस राज्य में दयनंदनीय चीजों की घर पहुंच सेवा उपलब्ध नहीं है वहां शराब की घर पहुंच सेवा उपलब्ध कराने वाले प्रायश्चित करना तो छोड़िए उपदेश दे रहे हैं
जब आप प्रदेश के भाग्य विधाता थे तो आपने ऑनलाइन शिक्षा की क्या व्यवस्था कर दी थी? तब तो पार्टी स्पेशल, पार्टी विशेष के लिए डिस्कवर कर ली थी तब वीआईपी रोड के वीआईपी होटलों में वीआईपियों के द्वारा अवैध शराब की बिक्री हो रही थी जब राजधानी की ये स्थिति थी तो सुदूर अंचलो में आपने क्या-क्या किया वों ED और ACB के आरोप पत्रों में झलकीत हो रहा है । गजब की मोटी चमड़ी है संवेदनहीन जो गलतियों का एहसास ही होने नहीं दे रही है दो नंबर और बिना टैक्स की द्वारा पूरे प्रदेश में अपने जी खोलकर बेचा और बिचवाया । जब आप बेच रहे थे तब ये कलाकारी रही होगी अब हाहाकारी साबित करने में लगे हैं धारणा एक दिन में नहीं बनती और न ही बिना तथ्यों के बनती है ,तथ्य ही है जिसके लपेटे में उपसचिव ,आईएएस अधिकारी लगते जिगर कारोबारी बारी -बारी जेल चले गए जमानत पर जमानत याचिकाएं नामंजूर हो रही है ।उच्च शिक्षित ,प्रशिक्षित ,अखिल भारतीय सेवा के अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए। नजराना तों कहते हैं आपको भी मिलता था कुछ तो राजनीतिक मजबूरियां थी, कुछ निजी स्वार्थ तब यूपी चुनाव के लिए चंदा देना था अपने और अपनों के घर में माल ,अशबाब भरना था तों शराब शराब और सिर्फ शराब आपका राजनीतिक दर्शन और सरकारी एजेंडा था घोटाले पे घोटाले इतने घोटाले किए घोटाले भी आपकी हार ना टालें । ऊपर से चाटुकारों की ऐसी फौज जिसों कच्चे कान की होने की वजह से आपको कच्चा खिलाड़ी बना दिया।
छत्तीसगढ़ी अस्मिता और छत्तीसगढ़िया वाद आपके भाई ,भतीजावाद की भेंट चढ़ गया गेड़ी तों आप खूब चढ़े पर सत्ता का सिंहासन नहीं चढ़ पाए। पोला तो आपने खूब मनाया पर खुद पोले हो गए, रायपुर वाले भाटो बहुत दिलदार हावेगा --------
गा- नाच कर तीज तो आपने खूब मनाया पर जनता ने हार की तमीज आपकी कमीज पर टांक दी इतना होने के बाद आप कह रहे हैं कि स्कूल बंद है स्कॉच पिलाएंगे का ताना मार रहे । ये तो बताइए शिक्षा देने वाला प्रोफेसर अधमरा होते तक पीटा गया तब ये शिक्षा और शिक्षाविदों की आपने कोई खोज खबर क्यों नहीं ली ये मौन क्यों? शिक्षाविद सरे राह पीटे जाएंगे तो शिक्षा का स्तर कैसे बढ़ जाएगा आप उस शिक्षाविद से मिले उन्हें ढाढ़स बंधाया या फिर साहस ही नहीं कर पाए अब शराब है उसकी बात चलेगी तो दूर तलक जाएगी व्यक्ति को सबसे अच्छा उसका पड़ोसी समझता है कुरुद और पाटन विधानसभा के बीच खारुन बहती है खारून में पानी बहुत बह गया खार (नमक ) उतर गया आप भूतपूर्व हो गए और आपके पड़ोसी ने अभूतपूर्व बयान दे डाला हम तो सिर्फ इतना कहेंगे पुरुषार्थ के नाम पर पड़ोसी ने धो "डाला"
चोखेलाल
आपसे आग्रह :
कृपया चोखेलाल की टिप्पणियों पर नियमित रूप से अपनी राय व सुझाव इस नंबर 6267411232 पर दें, ताकि इसे बेहतर बनाया जा सके।
मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल
Comments