राजनांदगांव : कांग्रेस शासित नगर निगम राजनांदगांव की महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख के 5 साल का कार्यकाल समाप्ति की ओर है। उनके इस पंचवर्षीय कार्यकाल में सभी 51 वार्डों में विकास निर्माण कार्यों और समस्याओं का निरीक्षण करने के बाद पूर्व निगम अध्यक्ष पूर्व, नेता प्रतिपक्ष एवं भाजपा नेता शिव वर्मा ने निष्कर्ष निकला है कि अब तक राजनांदगांव में जितने भी महापौर हुए हैं। उन सब में सबसे असफल और लापरवाह महापौर श्रीमती हेमा सुदेश देशमुख ही रही है। उन्होंने उनके कार्यकाल के बारे में निगम के कर्मचारियों से भी चर्चा कर यह निष्कर्ष निकला है। कर्मचारियों से चर्चा में कर्मचारी हितों के प्रति ध्यान नहीं देने वेतन आदि के भुगतान में बहुत महीनो विलंब किए जाने की बातें कहते हुए कर्मचारियों में आक्रोश दिखा। श्री वर्मा ने इस दृष्टि से 51 वार्डो का मुहाना नहीं किया है कि उन्हें निगम चुनाव को देखते हुए उन्हें चुनाव लड़ना है या हीरोगिरी करना नहीं है बल्कि इस दृष्टिकोण से किया है कि अब राज्य में कांग्रेस के सत्ता बदलकर भाजपा की सत्ता आने के बाद विकास निर्माण कार्यों की क्या गुंजाइश है। वार्डों में कितना पिछड़ापन है क्या समस्याएं हैं उन समस्याओं को कैसे दूर किया जा सकता है आदि आदि कर्मचारियों से चर्चा करके उन्हें अस्वस्थ किया है। कि केंद्र और राज्य में जिस तरह से भाजपा की सत्ता है। इस तरह निगम में भी भाजपा की सत्ता आ जाने पर राज्य शासन और निगम एक दूसरे की फिक्र करते हुए कार्य करेंगे।
वर्मा ने आगे कहा कि भाजपा का एक एक सिपाही उनके स्वयं की तरह गांव और राज्य विकास की चिंता कर रहा है और कांग्रेस के शासनकाल में आए पिछड़ेपन को लेकर लोगों को बता रहे हैं कि नगर राज्य और देश के विकास की चिंता सिर्फ और सिर्फ भाजपा को है। कांग्रेस तो सिर्फ अपना घर अपना घर भरना जानती है। श्री वर्मा ने वार्डों के निरीक्षक में जब लखोली पहुंचा तो उन्होंने पाया कि वार्डों में जहां अंदर बस्ती में लोग निवास करते हैं वहां ना तो सड़क बनी है ना तो नाली बनी है और गंदगी से भरा पड़ा है।
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