मणिपुर में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति और बढ़ते हिंसक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनज़र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र में अपने प्रस्तावित चुनाव अभियान को स्थगित कर दिया है। यह फैसला जिरीबाम जिले में हालिया भयावह घटनाओं और उनके परिणामस्वरूप इम्फाल घाटी में बढ़ते तनाव के बाद लिया गया।
रिपोर्ट के अनुसार जिरीबाम जिले से लापता हुए छह लोगों में से तीन के शवों की बरामदगी ने पूरे क्षेत्र में भारी अशांति को जन्म दिया। इनमें तीन महिलाएं और बच्चे शामिल थे। जिनकी कथित हत्या के बाद जनता का गुस्सा भड़क उठा। हिंसा की यह लहर न केवल राजनीतिक हस्तियों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने तक सीमित रही। बल्कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पारिवारिक घर तक पहुंचने का भी प्रयास किया गया।
भयावह घटनाएं और राजनीतिक संपत्तियों पर हमले
मणिपुर में शनिवार की रात हिंसा अपने चरम पर पहुंच गई। जब उग्र प्रदर्शनकारियों ने तीन महिलाओं और बच्चों की हत्या की खबरों के जवाब में राजनीतिक संपत्तियों को निशाना बनाया। इस दौरान राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इनमें गोविंददास कोंथौजम, वाई राधेश्याम, टी लोकेश्वर शामिल हैं। हालांकि इन हमलों के दौरान कोई घायल नहीं हुआ। क्योंकि अधिकारी और उनके परिवार वहां मौजूद नहीं थे। लेकिन इन संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा।
मुख्यमंत्री के घर पर हमला करने का प्रयास
गुस्साई भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पारिवारिक आवास को भी घेरने का प्रयास किया। स्थिति को गंभीर होते देख सुरक्षा बलों ने तत्काल कार्रवाई की। असम राइफल्स और सीमा सुरक्षा बल ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारी हालांकि मुख्यमंत्री के आवास तक नहीं पहुंच सके। लेकिन उन्होंने सड़कों को बाधित कर अपने विरोध को जारी रखा।
अमित शाह ने लिया महाराष्ट्र दौरा स्थगित करने का फैसला
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने अपना महाराष्ट्र का चुनाव अभियान स्थगित कर दिया और तत्काल दिल्ली लौट आए। शाह ने मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए उच्च-स्तरीय बैठकें ली है। केंद्र सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और आवश्यक कदम उठा रही है।
मणिपुर में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लागू
हिंसा और तनाव को नियंत्रित करने के लिए राज्य में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। हालांकि स्थानीय प्रशासन शांति बहाल करने के प्रयास में जुटा है। लेकिन जनता के गुस्से को शांत करना एक बड़ी चुनौती बन गया है।
क्षेत्र में बढ़ता अस्थिरता का माहौल
यह घटनाक्रम मणिपुर में पहले से ही तनावपूर्ण माहौल को और जटिल बना रहा है। हाल ही की हत्याओं और शवों की बरामदगी ने जनता के आक्रोश को और बढ़ा दिया है। जिससे व्यापक हिंसा और अराजकता फैल रही है।
सरकार के सामने चुनौतियां
मणिपुर की स्थिति न केवल राज्य सरकार के लिए बल्कि केंद्र सरकार के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गई है। शांति और व्यवस्था बनाए रखना और नागरिकों की शिकायतों का समाधान करना प्राथमिकता बनी हुई है। गृह मंत्रालय इस गंभीर स्थिति को नियंत्रित करने और क्षेत्र में स्थिरता लाने के लिए सक्रिय प्रयास कर रहा है।
मणिपुर की घटनाएं इस बात को रेखांकित करती हैं कि राज्य को तत्काल समाधान और प्रभावी कार्रवाई की कितनी आवश्यकता है। आने वाले दिनों में सरकार के कदम इस संकट के समाधान में महत्वपूर्ण साबित होंगे।
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