झारखंड में दूसरे चरण के मतदान के ठीक पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को जोरदार झटका लगा है। दरअसल, जमुआ विधानसभा क्षेत्र से विधायक रहे बलदेव हाजरा की पुत्रवधु गीता हाजरा सैकड़ो समर्थकों के साथ धनवार बाजार स्थित पप्पू साव के आवास पर बाबूलाल मरांडी व केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हुई।
कौन हैं गीता हाजरा?
गीता हाजरा स्व प्रदीप हाजरा की पत्नी हैं और देवरी से पूर्व जिलापरिषद सदस्य भी रही हैं। अब इस दलबदल से गीता झामुमो प्रत्याशी केदार हाजरा के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है।
बाबूलाल मरांडी ने की अहम बैठक
धनवार से भाजपा प्रत्याशी सह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोमवार देर शाम को गंगापुर स्थित मैरेज हाल में बैठक की तथा भाजपा के पक्ष में मतदान की अपील की। दावा किया कि क्षेत्र में अपार जनसमर्थन मिल रहा है। जनता रिकार्ड मतों से भाजपा को जीताएं। मौके पर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी थी।
झामुमो ने भाजपा से मांगा 20 साल का हिसाब
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा से पूछा है कि उन्होंने भाजपा के 20 वर्षों का हिसाब लिया है। महासचिव विनोद पांडेय ने आरोप लगाया है कि बिहार, छत्तीसगढ़, ओड़िशा और बंगाल से आए लोग जिन विधानसभाओं में चुनाव हो रहे हैं, वहां चौक-चौराहों पर चुनावी चर्चा करते हुए दिख रहे हैं। यह भाजपा का नया शिगूफा है, जिसे "व्हिस्पर कैंपेन" कहते हैं। इसके लिए हर विधानसभा में मोटी रकम खर्च की गई है।
राज्य के लोग इसका जवाब देंगे। राज्य के लोग हेमंत सोरेन के लिए छिपकर नहीं, खुलकर कैंपेन करें, क्योंकि झारखंडियों के स्वभाव में डरना और धीरे-धीरे चोरी से बोलना नहीं होता। उन्होंने हिमंता को सलाह देते हुए कहा है कि असम जाने से पहले खूंटी में हजारों आदिवासियों के घर जाइयेगा, जिनपर भाजपा ने देशद्रोह का झूठा केस लगा दिया था।
सिमडेगा में संतोषी के घर चले जाईएगा, नहीं तो उस बेटी के पिता के यहां, जिसे भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री ने भरे मंच में लताड़ कर बेइज्जत करने का काम किया था। वे उन पारा शिक्षकों के घर भी जा सकते हैं, जिन्हें जेल में डालने का पूर्व की भाजपा सरकार ने काम किया था। बोला था होटवार जेल भेज देंगे, दफा पर दफा लगवा देंगे। भाजपा से लड़ने के लिए यहां झारखंडी शेर हेमंत सोरेन हैं। अब आपका झूठ खत्म हो गया हो तो आप असम में हमारे लोगों से किए झूठे वादों को पूरा करने का काम करें। ऐसा नहीं हुआ तो हेमंत सोरेन वहां भी आपके झूठ को नहीं बख्शेंगे।
राज्य में महीनों से जमे घुसपैठियों के जाने का समय भी आ गया है। कल से ये अपना नया ठिकाना तलाशने दिल्ली और बिहार जाएंगे। वहां के लोगों में फूट डालेंगे और फिर वहां चुनाव खत्म होने पर फिर किसी दूसरे राज्य चले जाएंगे। इन्हें अपने मत के रूप में अंतिम तमाचा जड़ने का समय है।
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