राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता की संपूर्ण व्यवस्था सराहनीय, एसजीएफआई के उपाध्यक्ष एवं फिल्ड ऑफिसर व्यवस्था को देखकर संतुष्ट

राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता की संपूर्ण व्यवस्था सराहनीय, एसजीएफआई के उपाध्यक्ष एवं फिल्ड ऑफिसर व्यवस्था को देखकर संतुष्ट

राजनांदगांव  : स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा संचालित एवं शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा आयोजित 68वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में देश के 33 राज्यों एवं संस्थाओं के 1064 प्रतिभागी व ऑफिसियल्स कोच, मैनेजर भाग ले रहे हैं। जिन्हें उपलब्ध व्यवस्था अन्तर्गत सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास आयोजन समिति की ओर से किया गया। जिसकी स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया के उपाध्यक्ष एवं पर्यवेक्षक श्री मुक्तेश सिंह बदेशा तथा फिल्ड ऑफिसर मुक्ता बरार, सुशीला कुमारी ने अवलोकन पश्चात् संतोष व्यक्त किया है। राजनांदगांव जिले में 18 नवम्बर से प्रारम्भ हुई 68वीं राष्ट्रीय शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए देश के 33 राज्यों एवं संस्थाओं की टीम इन दिनों नगर के दिग्विजय स्टेडियम में आयोजित हो रही बॉस्केटबॉल बालक-बालिका 14 वर्ष एवं बालक 17 वर्ष में अपने खेल कौशल का प्रदर्शन कर रहीं है। अतिथि प्रतिभागी एवं अधिकारी कोच, मैनेजर के लिए नगर में उपलब्ध सुविधानुरूप आवास, परिवहन, क्रीड़ागन, भोजन, चिकित्सा, आवास स्थलों में रात्रि सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने लगातार आयोजन समिति के सदस्य लगे हुए हैं।

व्यवस्था को लेकर आज स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया के उपाध्यक्ष एवं पर्यवेक्षक श्री मुक्तेश सिंह बदेशा ने आवास स्थलों व भोजन व्यवस्था का निरीक्षण कर संतोष व्यक्त किया। वही फिल्ड ऑफिसर मुक्ता बरार एवं सुशीला कुमारी भी लगातार व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए है। इस संबंध में आज उन्होंने दिग्विजय स्टेडियम बॉस्केटबॉल कोर्ट एवं मैच की व्यवस्था, परिवहन व्यवस्था, भोजन व्यवस्था, चिकित्सा व्यवस्था के साथ ही आवास व्यवस्था पर भी संतोष व्यक्त किया एवं आवश्यक दिशा-निर्देशित किया। जिस पर तत्काल आयोजन समिति के सदस्य एवं अधिकारियों ने आवास स्थलों का दौरा कर आवास शालाओं के प्रभारियों को व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित रखने के साथ ही अतिथि प्रतिभागियों को किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े। इस बात का भी ध्यान देते हुए सभी आवास प्रभारी समस्याओं के तत्काल निराकरण करने का प्रयास करें।

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