राजनंदगांव : नगर निगम के पूर्व अध्यक्ष शिव वर्मा ने कहा कि महापौर निगम कर्मचारीयों की वेतन को लेकर घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें। उन्होंने कहा कि नगर निगम एक स्वतंत्र संस्था है जिनको आगे बढ़ाने तथा कर्मचारियों को वेतन ठीक समय में कैसे दिया जा सके इसके लिए आय बढ़ाने के लिए एक ठोस पहल होना चाहिए था । परंतु अपने 5 साल के कार्यकाल में इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया आय बढ़ाने के लिए कोई कार्य योजना नहीं बनाएं ।एक भी नई दुकान का का निर्माण नहीं कर पाए। करोड़ों का हाट बाजार आज सामाजिक तत्वों का जमवाड़ा बन गया है। शहर की वसूली के लिए कोई योजना नहीं बनाएं आज भी हम पूरा टैक्स वसूल नहीं पाते, निगम में कर्मचारियों की कमी नहीं है उसके बाद भी हम जनता को डिमांड राशि नहीं दे पा रहे हैं।
एकल खिड़की नहीं होने के कारण शहर की जनता राशि पटाने के लिए निगम का चक्कर लगाते हैं। सरकार कोई भी रहे विकास के लिए धनराशि उपलब्ध कराता है अनेक योजना को संचालन करने के लिए धनराशि उपलब्ध कराता है। महापौर के 5 साल का कार्यकाल में चौक चौराहे का नामकरण, मूर्ति लगाना इस में ही गुजार दिए। गडबो नवा राजनांदगांव का सपना दिखाने वाले महापौर का सपना सपना ही रह गया है। वर्मा ने आगे कहा कि निगम की इतिहास में यह सबसे असफल महापौर साबित हो रहे हैं। इनकी कालखंड में बरसात में भी लोगों को पानी की संकट से जूझना पड़, विकास कार्य पूरी तरह वार्ड में सन्नाटा रहा। निगम क्षेत्र में कोई बड़ी योजना जनता के लिए नहीं ला पाए। कर्मचारियों की संख्या बढ़ाते रहे।
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