नर नहीं समय होत बलवान यही जीवन का शाश्वत सत्य है,पर इसकी स्थायित्व प्रभावित होती है जब सफलता सर चढ़कर बोलती है और सफल व्यक्तित्व को लगता है की समय नहीं नर होत बलवान । सफलता के शिखर पर स्थायित्व सबसे बड़ी चीज है ,यह स्थायित्व आपको कालजई ऐतिहासिक मुकाम दिलाता है, कल भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावडे पर चुनाव में वोटरों को पैसा बांटने का आरोप लगा ,बिना समय गंवाए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपना वक्तव्य जारी किया जिस पर उनकी पुरानी सहयोगी राधिका खेड़ा ने प्रतिक्रिया दी और पूछा कि ----------------- गौरव मेहता से उनके क्या संबंध है ये गौरव मेहता कैश कांड में संलिप्त है और ईडी ने कल उनके घर पे छापा भी मार दिया । दुब्बर बर दू आसाढ़ की तर्ज पे आज अडानी समूह का मसला अमेरिकी न्यायालय के द्वारा संज्ञान में लाया गया, जिसमें ये आरोप है कि (सौर ऊर्जा )बिजली सप्लाई के ठेकों के लिए भारत में 2500 करोड़ की रिश्वत भारत के पांच राज्यों छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु,उड़ीसा और जम्मू कश्मीर में दी गई । चूंकि इस कार्य के लिए बांड के जरिए 25000 करोड़ अमेरिकन निवेशकों से जुटाए गए थे सो अमेरिका की जांच एजेंसियों ने लंबी पड़ताल के बाद अदालती कार्यवाही शुरू कर दी । ये कार्यवाही साक्ष्यो के आधार पर की जा रही है, और अभी सिर्फ आरोप ही है ।
छत्तीसगढ़ के हाथ उपलब्धि लगी या लानत ,विख्यात हुए या कुख्यात ,प्रदेश स्तरीय घोटालों से राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाने के बाद हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी घोटालेबाजों के सहयोगी होने की पहचान पा रहे । क्या छत्तीसगढ़ की जनता ने आपको इसलिए ही चुना था कि आप ऐसी सरकार के मुखिया के रूप में जाने जाएं जिसके माथे पर घोटाले, घोटाले और घोटाले का ही टिका लगा हों? वादों से मुकरने का गवाह तो आपकी गंगाजलीय शराब बंदी की प्रतिज्ञा थी कोयला, रेत,पीएससी,महादेव---------के बाद ये नया कारनामा आपकी पुरानी सहयोगी ने आपकों गाल बजाने वाला अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने वाला भी कह दिया । इसी अडानी के खिलाफ आप रोजाना बोलते थे ,भ्रष्टाचारी बताते थे और उसी अडानी को आपने ठेका दिया आपने अपने पुराने सहयोगी की बात को सही साबित कर दिया । भाग्य का बंटवारा नहीं होता पहले चुनाव (1992) का बी फार्म और जीत भाग्य ही था पाटन,बेमेतरा और भिलाई के उम्मीदवारों के बी फार्म और उम्मीदवारी पर क्या हुआ था?
कांग्रेस ये तीनों सीट जीत गई समय आपका बलवान था, सो ये बात दब गई लांजी विधायक पूर्व मंत्री के निधन के बाद आप मंत्री हो गए । एक लोकसभा और दो विधानसभा हारने के बाद भी राजनीति चमकती रही, झीरम कांड के बाद प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री बन गए । आपका समय बलवान था कहते हैं कामयाबी का शोर उतना नहीं होता ,जितना बदनामी का होता है। बदनामी कर्मों की देन होती है समय असफलताएं भी दिलाता है पाटन के दाऊ से आप पूरे छत्तीसगढ़ के कका बन तो गए पर जिस मामा की नकल करके आप कका संबोधन अंगीकृत किए थे ,वों सफलता नहीं दोहरा पाए वों केंद्रीय कृषि मंत्री हो गए और आप मुख्यमंत्री से फिर सिर्फ कृषक हो गए समय बलशाली था तो भाजपाइयों ने भी आपको मौके दिए।
विजय बघेल आपको चुनाव हराकर मंत्री नहीं बन पाए तरुण चटर्जी को हराकर मूणत ने वों कद और पद पा लिया था ,मूणत और बघेल दोनों ने जोगी मंत्रिमंडल के कैबिनेट मंत्रियों को चुनाव हराया था पर पाटन में विजय बघेल को मूणत जैसे स्थापित न करने का खामियाजा भाजपा ने भुगता। जमीन, सीडी जैसे मसलों पर भाजपा की सतही कार्यवाहियों ने आपके लिए मौके बनाएं । ये दबंगता समय की ,ये सफलता समय की थी समय बलवान था तो आप सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए "सदानंद " बनने की अभिलाषा में चाटुकारों से घिरते गए, अपनों से दूर होते गए सदानंद बनने चले थे सत्ता का आनंद भी जाता रहा। कांग्रेस को उड़ता तीर लेने की आदत है इस बार आपके युवराज ने भाला पकड़ लिया है । राफेल में माफी मांगकर बच तो गए इस बार भी बचाव का जुगाड़ कर लेंगे ,पर अडानी केस की जांच हुई तो बात आपके पूर्ववर्ती सरकार तक आएगी फिर आपका क्या होगा जनाबे आली ?अमेरिका विकसित है अपने निवेशकों की रक्षा कर रहा है और हम क्या कर रहे हैं? समय है, देखते हैं, जांच की आंच छत्तीसगढ़ तक आती है कि नहीं वैसे सांच को आंच क्या सच तो यही है जो शाश्वत है --------------------------नर नहीं समय होत बलवान
चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल
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