मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा के नतीजे कल आने वाले हैं लेकिन इससे पहले कैश बांटने के आरोपों का सामना कर रहे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव नेता विनोद तावड़े ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और सुप्रिया श्रीनेत को कानून नोटिस भेजा है। इस नोटिस में तावड़े के वकील ने कहा है कि उनके क्लायंट विनोद तावड़े पर झूठे इल्जाम लगाए गए हैं।
बिना शर्त माफी मांगें
नोटिस में कहा गया है कि ये तीनों नेता नोटिस मिलने के 24 घंटे के भीतर विनोद तावड़े से बिना शर्त माफी मांगें। साथ ही माफीनामा तीन अंग्रेजी अखबार और तीन क्षेत्रीय भाषाओं के अखबारों के फ्रंट पेज पर पब्लिश करें। साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भी माफीनामे को पोस्ट करें। माफी नहीं मांगने पर तीनों नेताओं के खिलाफ अपराधिक मुकदमा दायर करेंगे, साथ ही 100 करोड़ की सिविल प्रोसिंडिंग्स भी दायर करेंगे।
गंभीर रूप से आहत हूं: तावड़े
विनोद तावड़े ने कहा, "महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर 19 नवंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया ने कहा कि विनोद तावड़े को मतदाताओं को 5 करोड़ रुपये बांटते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया और इस तरह के नाटकीय बयान दिए गए। वे सिर्फ मुझे और मेरी पार्टी को बदनाम करना चाहते थे। मैं गंभीर रूप से आहत हूं। मैं एक सामान्य मध्यम वर्गीय परिवार से आता हूं, पिछले 40 वर्षों से मैं राजनीति में हूं, लेकिन मैंने कभी ऐसा कुछ नहीं किया। कांग्रेस के नेता मुझे, पार्टी और मेरे नेताओं को बदनाम करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने जानबूझकर मीडिया और लोगों के सामने यह झूठ बोला, इसलिए मैंने उन्हें कोर्ट नोटिस जारी किया है कि वे सार्वजनिक रूप से माफी मांगें या कार्रवाई का सामना करें।"
क्या है मामला?
दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा के लिए वोटिंग से एक दिन पहले, बहुजन विकास आघाडी (बीवीए) ने तावडे पर मतदाताओं को लुभाने के लिए पांच करोड़ रुपये बांटने का आरोप लगाया। ‘‘पैसे बांटे जाने’’ के वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आये। इनमें से कई वीडियो बीवीए सदस्यों ने बनाये थे, जो पालघर जिले के विरार कस्बे में उस होटल के हॉल में घुस गए थे जहां तावडे मौजूद थे। ये वीडियो वायरल होने के बाद, पुलिस ने कथित तौर पर पैसे बांटे जाने के सिलसिले में दो प्राथमिकी दर्ज की।
मामला सामने आने के बाद अपने बयान में तावडे ने कहा कि होटल में उनका दौरा नालासोपारा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार राजन नाइक से मुलाकात करने के लिए था। उन्होंने कहा, ‘‘वाडा (पालघर) से मुंबई लौटते समय मुझे राजन नाइक का फोन आया, जिन्होंने मुझे वसई के एक होटल में चाय के लिए आमंत्रित किया, जहां पार्टी कार्यकर्ता एकत्र हुए थे। वहां पहुंचने के बाद, हमने स्वाभाविक रूप से चुनाव संबंधी मुद्दों, खास तौर से मतदान के दिन की तकनीकी प्रक्रियाओं और बरती जाने वाली सावधानियों पर चर्चा की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अचानक, दूसरी पार्टी के कुछ कार्यकर्ता अंदर घुस आए और मुझे घेर लिया, और जोर-जोर से चिल्लाने लगे। बाद में मुझे पता चला कि वे बहुजन विकास आघाडी (बीवीए) के थे।’’
तावड़े ने बताया कि इसके बाद उन्होंने बीवीए प्रमुख हितेंद्र ठाकुर को फोन किया और उनसे स्थिति को नियंत्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने हितेंद्र ठाकुर से संपर्क किया और उनसे अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर नियंत्रण रखने का अनुरोध किया। वह और (बीवीए) विधायक क्षितिज ठाकुर, दोनों होटल पहुंचे। संक्षिप्त बातचीत के बाद, तनाव कम करने के लिए मैं उनके साथ एक वाहन में सवार होकर वहां से चला गया।’’ तावडे ने कहा, ‘‘मेरे द्वारा पैसे बांटने का कोई सवाल ही नहीं है। मैं तो बस चाय पर अपने कार्यकर्ताओं से मिल रहा था और चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा कर रहा था। ये आरोप निराधार हैं।’’ उन्होंने होटल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगालने की मांग की और कहा, ‘‘सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए और निर्वाचन आयोग को निष्पक्ष जांच करने दिया जाए। इससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि वास्तव में क्या हुआ था। सच सामने आ जाएगा।’’
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