छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में धान खरीदी को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है। कांग्रेस लगातार सरकार पर आरोप लगा रही है कि भाजपा सरकार धान खरीदी नहीं करना चाहती। साथ ही, कई क्षेत्रों में किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से खरीदी नहीं हो रही है। इसे लेकर अब सरकार सख्त हो गई है।
तय मात्रा से कम धान खरीदी का भ्रम
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान हमारे द्वारा दी गई मोदी की गारंटी के अनुरूप इस वर्ष भी किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से ही धान खरीदी की जा रही है। किसानों को इस मामले को लेकर किसी प्रकार का भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, इस संबंध में भ्रम फैलाने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, धान खरीदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ प्रदेश के पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी कर रही है। किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए उपार्जन केन्द्रों के माइक्रो एटीएम से 2000 से लेकर 10 हजार रुपए तक की राशि निकालने की सुविधा भी दी गई है। इससे किसानों को धान बेचने परिवहन के लिए किराए पर लिए गए ट्रैक्टर, मेटाडोर आदि का भाड़ा और हमाली मजदूरी का भुगतान करने में सुविधा होगी।
31 जनवरी 2025 तक चलेगा धान खरीदी अभियान
बता दें कि छत्तीसगढ़ में अनवरत धान खरीदी का सिलसिला जारी है। 14 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगा। खरीफ वर्ष के लिए 27.68 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.45 लाख नए किसान शामिल हैं। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।
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