संभल में बवाल क्यों ? बाबर के किस खास गवर्नर ने बनवाई थी जामा मस्जिद..

संभल में बवाल क्यों ? बाबर के किस खास गवर्नर ने बनवाई थी जामा मस्जिद..

उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार सुबह बवाल हो गया. भीड़ ने हंगामा करते हुए पथराव और आगजनी कर दी. हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही जामा मस्जिद पूर्व में हरिहर मंदिर को तोड़कर बनाई गई है. यह भी दावा किया जा रहा है कि यही वो स्थान है जहां भविष्य में भगवान कल्कि अवतार लेंगे. मुस्लिम पक्ष ने उन आरोपों को नकारा है जिसमें इसे हरिहर मंदिर बताया गया है. उनका कहना है कि 1529 में शाही जामा मस्जिद का निर्माण मीर बेग ने करवाया था, जो मुगल बादशाह बाबर का कमांडर था.

अब सवाल यह है कि क्या यह वही मीर बेग है जो मीर बाकी कहलाता था? माना जाता है कि मीर बाकी के द्वारा अयोध्या में मस्जिद का निर्माण कराया था, जो बाद में विवाद का कारण बनी. इतिहासकारों के मुताबिक, मीर बेग को कई नामों से जाना जाता है. वह मूल रूप से उज्बेकिस्तान के शहर ताशकंद का रहने वाला था. इसलिए उसे बाकी ताशकंदी भी कहा गया, जिसका जिक्र बाबर की किताब बाबरनामा में है. उसे बाकी बेग, बाकी शाघावाल और बाकी मिंगबाशी नामों से भी जाना गया.

अयोध्या और संभल कनेक्शन

मुगलकाल में बाबर ने मीर बाकी को अवध प्रदेश का गवर्नर बनाया था. माना जाता है कि इसी दौरान 1528 में उसने अयोध्या में मस्जिद का निर्माण कराया था. मुस्लिम पक्ष के मुताबिक, संभल की जामा मस्जिद का निर्माण 1529 में मीर बेग ने कराया. यानी दोनों मस्जिदों के निर्माण में एक वर्ष का अंतर है और दोनों के निर्माण में बाबर के खास दरबारी का नाम शामिल है. दोनों ही मामलों में हिंदू पक्ष का दावा है कि यहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गईं. अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर मस्जिद बनाने का आरोप लगा. वहीं, संभल में हरिहर मंदिर को तोड़कर शाही जामा मस्जिद बनाए जाने का दावा किया जा रहा है.

संभल जामा मस्जिद को लेकर कई दावे

संभल की शाही जामा मस्जिद का निर्माण करीब 5 बीघा जमीन पर किया गया है. यहां पांच वक्त की नमाज अदा की जाती है. शुक्रवार के दिन जुमा की नमाज में मस्जिद में हजारों की संख्या में नमाजी आते हैं. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में दायर की याचिका में दावा किया है कि जामा मस्जिद की इमारत सदियों पुराना हरिहर मंदिर है. दावा ये भी किया जा रहा है कि मस्जिद के अंदर मंदिर होने की कई निशानियां मौजूद हैं, जिनमें कुछ खंभों का भी जिक्र है. वहीं, जामा मस्जिद के अध्यक्ष मोहम्मद जफर ने दावा किया है कि मस्जिद का निर्माण किसी भी मंदिर को तोड़कर नहीं किया गया और न ही यहां किसी मंदिर की कोई निशानी है. उन्होंने कोर्ट के त्वरित कार्रवाई पर हैरानी जताई.

एक दावा यह भी

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, संभल के इतिहास पर ‘तारीख ए संभल’ किताब लिखने वाले मौलाना मोईद का कहना है कि यह जामा मस्जिद बाबर ने नहीं बनवाई. इसकी निर्माण शैली भी मुगलकाल की नहीं है. संभव है कि जामा मस्जिद का निर्माण तुगलक काल में बनवाई गई है. उनका दावा है कि बाबर द्वारा इस मस्जिद की मरम्मत कराई गई थी. उनका कहना है कि ये मस्जिद फिलहाल भारत के पुरातत्व सर्वे की निगरानी में है और एक संरक्षित इमारत है.

किनका रूप हैं भगवान हरिहर?

संभल की जिस शाही जामा मस्जिद का मंदिर होने का दावा किया जा रहा है वह भगवान हरिहर का बताया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान हरिहर, भगवान विष्णु और शिव के मिश्रित रूप हैं. इन्हें हरिहर के अलावा शंकरनारायण और शिवकेशव के नाम से भी पुकारा जाता है. इनके शरीर का एक हिस्सा भगवान विष्णु यानी हरी और दूसरा भगवान शिव यानी हर का है, इसलिए इनका नाम हरिहर पड़ा. भगवान हरिहर के जन्म के बारे में कई किंवदंतियां हैं.

कहा लिया था हरिहर भगवान ने अवतार?

puratattva.in बेवसाइट के मुताबिक, भगवान हरिहर के नाम से कर्नाटक में एक प्राचीन शहर ‘हरिहर’ है. यहां गुहासुर नाम का राक्षस रहता था. उसका विशाल साम्राज्य था. कठोर तपस्या करके उसने ब्रह्मा से वरदान प्राप्त किया कि उसे विष्णु या शिव द्वारा नहीं मारा जाए. वरदान मिलने के बाद वह लगभग अजेय हो गया, जिसके बाद उसकी सारी क्रूरता बढ़ती गई. उसको समाप्त करने के लिए ब्रह्मा के अनुरोध पर शिव और विष्णु ने मिलकर हरिहर रूप धारण किया, जिसमें आधे विष्णु और आधे शिव के गुण थे. हरिहर का अवतरण कुडलूर में हुआ, जो तुंगभद्रा और हरिद्रा नदियों के संगम पर है, जहां चट्टान पर कुछ निशान हैं जिन्हें स्थानीय लोग भगवान हरिहर के पदचिह्नों के रूप में बताते हैं.

कलियुग में होगा भगवान कल्कि का अवतार!

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, भगवान विष्णु ने नौ अवतार लिए हैं. उनका दसवां अवतार कलियुग में होना है, जो भगवान कल्कि के रूप में होगा. पुराणों में कहा गया है कि भगवान कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के संभल नामक स्थान पर होगा. भगवान कल्कि यहां से सफेद घोड़े पर सवार होकर दुष्टों का संहार करेंगे. यहीं कल्कि धाम भी स्थित है. 20 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां श्री कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास भी किया है. इसी मंदिर में भगवान विष्णु के दसों अवतारों के गर्भग्रह बनाए जाएंगे.






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