मुखिया के मुखारी – अब तो सिर्फ और सिर्फ कृष्ण नीति चाहिए

मुखिया के मुखारी – अब तो सिर्फ और सिर्फ कृष्ण नीति चाहिए

संभल हिंसा पर यूपी के मंत्री नितिन अग्रवाल का बयान आया कहा कि अगर किसी ने एक थप्पड़ मारा तो हम भी पांच तमाचे मारेंगे। हम उस सिद्धांत पर नहीं चलेंगे कि कोई हमें एक थप्पड़ मारेगा तो हम दूसरा गाल आगे कर देंगे उन्होंने कहा कि जिस भाषा में तुम बोलोगे, उस भाषा में हमारी सरकार समझाएगी।इस बयान की कल्पना आज से एक दशक पहले कोई कर नहीं सकता था आज भी कई सरकारों के लिए ये असंभव है पर उत्तर प्रदेश की सरकार योगी सरकार है, पुरे मनोयोग से हिंदू हितों की रक्षा में लगी है।  इस बयान में ना दूसरे गाल का जिक्र है ना दूसरे थप्पड़ का सीधी सपाट बात है, स्थापित अहिंसा वादी सत्य के विरुद्ध क्रिया की प्रतिक्रिया न सिर्फ होगी बल्कि 5 गुनी होगी संभल की हिंसा सांप्रदायिक हिंसा के इतिहास की पहली हिंसा है जब सरकार कह रही है कि ये हिंसा हिंदू ,मुस्लिम का मसला नहीं बल्कि तुर्क और पठान के बीच वर्चस्वों की लड़ाई का परिणाम है । हिंसा में गोली आपस की वैमनस्यता की वजह से चली ,पुलिस की गोली का शिकार नहीं हुआ ये अदम्य साहस योगी की नेतृत्व क्षमता और सत्यता के है, झूठ खूब फैलाया गया हमेशा की तरह वामपंथी पत्रकारिता ने इस देश में खोजी पत्रकारिता की भ्रूण हत्या कर दी थी पर इस बार माता सीता की तरह सच धरती फाड़ के निकला।

मस्जिद के सर्वे का आदेश संवैधानिक और न्यायालय के द्वारा दिया गया था ,19 तारीख का भी और 24 तारीख का भी फिर इस न्यायालयीन प्रक्रिया के परिपालन में बाधाएं क्यों डाली गई ,यदि इस देश को संविधान से चलना है तो फिर न्यायालय का आदेश भी संवैधानिक ही है।बार-बार ये कहा जाता है की मस्जिद या मुस्लिम बहुल क्षेत्र में जय श्री राम का नारा लगाने से भावनाएं भड़क गई, हिंसा हो गई ,पत्थर चल गए,जय श्री राम के नारे में सिर्फ भगवान श्री राम का जयघोष है, किसी दूसरे देवता को बड़ा छोटा नहीं कहा जा रहा है। जब दिन में पांच बार लाउडस्पीकर से सिर्फ ये बताया जाता है कि एक के अलावा कोई इबादत के लायक नहीं है ,तब कितनी भावनाएं भड़क जाती है क्या तब रोज हिंसा होती है? ये नारे तो दशहरे, दीपावली, होली, रामनवमी,श्री  कृष्णजन्माष्टमी और 365 दिन किस अधिकार और भावनाओं से लगाए जाते हैं? पूरे विश्व में सिर्फ इस्लामिक देशो का संगठन क्यों? गाजा,फिलिस्तीन से लेकर हर देश का हर मुस्लिम ,भाई धरना प्रदर्शन,धर्म की दुहाई बाकी सब धर्मावलंबियों के जीवन की दुहाई ,राष्ट्रीयता के ऊपर धार्मिकता की चढ़ाई।

यदि मुस्लिम, मुस्लिम भाई है तो ईसाई, ईसाई और हिंदू,हिंदू क्यों यही मानसिकता न पाले । गाजा ,फिलिस्तीन के मसलों पर बम्बई का आजाद मैदान हिल सकता है तो बांग्लादेश हिंदुओं के लिए या विश्व के किसी भी हिंदू के लिए हिंदुस्तान क्यों नहीं हिल सकता ,1947 में ये देश धर्म के आधार पर बटा क्यों ? यदि गंगा जमुनी तहजीब थी तो ये तमीज क्यों नही थी कि एक रहेंगे तो नेक रहेंगे। ना एक थे,ना नेक रहे,ना गंगा, जमुनी,तहजीब थी सब दिखावा था ,बंटवारे से पहले भी और आज भी, हम सांप्रदायिक हिंसा झेल रहे, पूरा विश्व झेल रहा अमेरिका, कनाडा या अन्य किसी देश में आर एस एस तो नहीं है?  कई जगह पर तो सिर्फ आप ही आप हैं फिर भी सर्वत्र हिंसा क्यों? जाति ही नहीं आप तो फिरको में बटे हैं शिया,सुन्नी के बड़े हिंसक मसले हैं। कितनी सहिष्णुता दिखाएं कोई मंदिर पर मंदिर तोड़े गए, जजिया कर लगाया गया ,तलवार के दम पर कइयों कों सलवार पहनाया ,वार पर वार किए गए आपको हमारा एक जवाब पसंद नहीं आया क्यों? मस्जिदों के ही सर्वे के न्यायालयीन आदेश होते हैं कभी सोचा, ये भी सोचिएगा मथुरा, अयोध्या ही नहीं येरूसलम की भी यही कहानी क्यों है?

तिलिस्म टूटा बात तुर्क पठान तक आई ये 52 फिरको तक जाएगी ,उन फतवों की भी खबर ली जाएगी जो देवबंदी,बरेलवी अहमदिया ----------दी गई है
सत्य की परख तो अब माई {M.Y.-मुस्लिम यादव }वालों की होगी फिर उन्होंने अपनी माई का दूध पिया है कि नहीं  ।करना सिर्फ ये है कि अब कृष्ण जन्मभूमि मुक्त करानी है ये यदुवंशी तब बताएंगे कि ये यदुवंश कुल गौरव भगवान श्री कृष्ण के साथ है या नहीं ये कुल गौरव है या कुलकलंक ,जिन्होंने देश, राष्ट्रीयता और लोकतंत्र के माथे पर कलंक का टीका लगाया, उन्हें एक मौका जरूर मिलना चाहिए की वों कुल के माथे पर टिका आत्मगौरव का लगाए या कलंक का । वक्त का पहिया चलता है सिर्फ सच ही चलता है रम और राम की बाते करने वाले का बेटा भी हिन्दू अस्मिता की बात करता है । अब तो कृष्ण जन्मभूमि मुक्त चाहिए क्योंकि अब वक्त सिर्फ राजनीति का नहीं कूटनीति का है, और अब 16 कलाओं में निपुण श्री कृष्ण चाहिए मतलब ------------अब तो सिर्फ और सिर्फ कृष्ण नीति चाहिए।

चोखेलाल
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मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल






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