मां क्यों नहीं देखती बेटे के फेरे, जानें वजह

मां क्यों नहीं देखती बेटे के फेरे, जानें वजह

सनातन धर्म में अलग-अलग जगह पर भिन्न तरह के शादी-विवाह के रीति रिवाज हैं. इसी वजह से हिंदुस्तान को विविधताओं का देश कहा जाता है. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आखिर वो कौन सा कारण है, जिसकी वजह से एक मां अपने ही बेटे की शादी में नहीं जाती और न ही उसके सात फेरे देखती है. 

मां नहीं देखती बेटे के फेरे...
शादी हर धर्म में सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है. वहीं सनातन धर्म में शादी को लेकर अलग-अलग क्षेत्र में अपना रीति रिवाज है. शादी ब्याह में लड़के की बारात से लेकर सात फेरे और भी तमाम तरह की परंपरा न्मिम्बाई जाती है. लड़के और लड़की के सात फेरे और मांग में सिंदूर भरने व मंगलसूत्र पहनाने के बाद शादी सप्मन्न होती है. इस दौरान लड़के और लड़की की ओर से बहुत सारे रिश्तेदार मौजूद होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं बहुत सी ऐसी जगह भी है, जहां पर लड़के की मां इस रिवाज में शामिल नहीं होती है और न ही वो अपने बेटे के फेरे के शुभ और पवित्र परंपरा को नहीं देखती है. आइए जानते हैं कि आखिर इस परंपरा के पीछे, वो कौनसी वजह है? जिसके कारण मां अपने बेटे के फेरे नहीं देखती है.  

यह है वजह...
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल से यह परंपरा चली आ रही है कि मां अपने बेटे की शादी में शामिल नहीं होती है. ऐसा कहा जाता है कि यह परंपरा मुगल काल से चली आ रही है. ईसा भी कहा जाता है कि मुगल काल से पहले यह परंपरा नहीं होती है और मां अपने बेटे की शादी में शामिल होती थी और उसके साथ फेरे भी देखती थी. मां के अपने ही बेटे की शादी में शामिल होने की वजह यह भी है कि मुगल काल में जब महिलाएं अपने बेटे की शादी में जाती थी, तो उन्बके घर में चोरी हो जाती थी. इसके बाद से ही महिलाओं को शादी में न जाने का फैसला लिया गया और उन्हें घर की देखभाल के लिए घर पर ही छोड़ दिया जाता था. 

बेटे की बरात जाने से पहले मां पाने घर पर ही होने वाले रीति रिवाज में शामिल, तो हो सकती थीं, लेकिन बारात में साथ नहीं जा सकती थी इसी कारण वो अपने बेटे की बारात में होने वले रीति रिवाज में शामिल नहीं होती थी एयर इसी वजह से वो अपने बेटे के फेरे नहीं देख सकती थी. आज भी बहुत सी जगह पर इस परंपरा का पालन किया जा रहा है. वहीं अब समय बदल भी रहा है, तो लोग इसे मानते भी नहीं हैं.. बता दें कि यह परंपरा बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान में कई जगह देखने को मिलती है.

 









You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments