विटामिन डी का मुख्य स्रोत सूरज की किरणें होती हैं. विटामिन डी हमारे शरीर में न्यूरोट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है. यह मस्तिष्क से शरीर के सभी हिस्सों तक संदेश पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसके अलावा, विटामिन डी हमारे हार्मोनल स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाने में भी मदद करता है.
हेल्थलाइन के मुताबिक, हर दिन कम से कम 10 से 30 मिनट धूप में रहने की सलाह देते हैं. यह न सिर्फ त्वचा, बाल बल्कि हड्डियों को भी भरपूर विटामिन डी प्रदान करता है. हालांकि, धूप में कितनी देर तक रहना है यह व्यक्ति दर व्यक्ति अलग-अलग होती है.
सूरज की किरणों से अच्छा परिणाम लेने के लिए सुबह की धूप अधिक फायदेमंद मानी जाती है. बता दें कि, जब सूर्य की रोशनी अधिक होती है तो सुबह अधिक गर्म होती है. सूरज की रोशनी से निकलने वाली यूवी किरणें हमारी त्वचा में विटामिन डी का उत्पादन करती हैं. ये UV किरणें सुबह के समय सबसे ज्यादा होती हैं.
सूरज की रोशनी सीधे हमारे शरीर पर पड़ती है तो हमारी त्वचा का रंग बदल जाता है. इसलिए यह प्रकाश वह विटामिन डी है, जिसकी हमें आवश्यकता होती है. इससे तमाम मस्तिक और हड्डी से जुड़ी बीमारियों से बचाव होता है.
हालांकि, दिन के समय तेज धूप में रहना आपकी त्वचा, बालों और संपूर्ण स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है. बता दें कि उचित सुरक्षा के बिना लंबे समय तक धूप में रहने से त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं. इसलिए सीधे सूर्य की रोशनी के संपर्क में आने पर सनस्क्रीन का उपयोग करना न भूलें.
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