रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नगर निगम के सभी ड्राइवर्स ने हड़ताल कर दी है। बुधवार की सुबह अचानक ड्राइवर्स के संगठन ने इस हड़ताल की घोषणा की और काम बंद कर दिया। ये सभी ड्राइवर सफाई और जल आपूर्ति से जुड़ी गाड़ियां चलाते हैं।
रायपुर के टिकरापारा स्थित मोटर व्हीकल यार्ड में सभी प्रदर्शनकारी जमा हुए और काम बंद करने का ऐलान करते हुए नारेबाजी करने लगे। ड्राइवर्स की अचानक हुई हड़ताल की वजह से नगर निगम के अफसर अब इन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि ड्राइवर महासंघ के से जुड़े कर्मचारियों ने काम पर लौटने से इनकार कर दिया है।
ड्राइवर महासंघ के सदस्यों ने बताया कि वह अपने वेतन और ठेका प्रथा को बंद करने जैसी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले भी अधिकारियों से कई बार लिखित में आवेदन देकर ड्राइवर ने अपनी मांग पूरी करने का अनुरोध किया था, मगर अधिकारियों ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया इस वजह से अब बुधवार को सभी हड़ताल पर चले गए हैं।
ड्राइवर महासंघ ने अपने ज्ञापन में तीन बड़ी मांगों का जिक्र किया है, जिनमें नगरीय निकायों में ठेका प्रथा को समाप्त करके प्लेसमेंट पर काम कर रहे कर्मचारियों को सरकार के अन्य विभाग जैसे जल संसाधन, PWD, PHE की तर्ज पर सीधे वेतन दिया जाना चाहिए। ड्राइवर्स कह रहे हैं कि इन्हें मिलने वाले वेतन 15 हजार रुपए में से 4 हजार रुपए ठेकेदार रख लेते हैं। ये सिस्टम खत्म होना चाहिए। नगरीय निकाय में 5 से 10 साल से काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित किया जाए।
रायपुर के 70 वार्ड में कामकाज ठप
हड़ताल पर गए ड्राइवर की संख्या 1000 से ज्यादा है। इन्हीं की बदौलत रायपुर शहर में सफाई से जुड़ी गाड़ियां चलती हैं। अब इस हड़ताल की वजह से घर-घर से कचरा कलेक्ट करने, अलग-अलग इलाकों में डम्प कचरा उठाने के लिए बुलडोजर और ट्रक नहीं जा पाए हैं। नगर निगम के स्ट्रीट लाइट मेंटेनेंस और जल आपूर्ति की से जुड़ी गाड़ियां यही ड्राइवर चलाते हैं। सभी ने काम बंद कर दिया है। शहर के 70 वार्ड पर इसका असर पड़ रहा है। सभी कर्मचारी प्रदेशभर के ड्राइवर को हड़ताल पर आने की अपील कर रहे हैं माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में हड़ताल का असर पूरे प्रदेश में दिख सकता है।
चुनाव के चलते दबाव बनाने की कोशिश
ड्राइवर महासंघ की यह हड़ताल आगामी दिनों में होने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर भी की जा रही है। दरअसल जनवरी-फरवरी में नगरीय निकाय के छत्तीसगढ़ में चुनाव होने हैं। ऐसे में ड्राइवर माहौल को भांप गए हैं, उन्होंने अपनी मांगों को मनवाने का यही सही समय पाया है। इस वजह से हड़ताल के जरिए दबाव बनाने की कोशिश हो रही है।
कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं
ड्राइवर्स की इस हड़ताल को फिलहाल अफसर खत्म नहीं करवा पाए हैं। किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था भी नगर निगम प्रशासन की ओर से नहीं की गई है। निगम के अफसरों ने हड़ताल को लेकर कमिश्नर अबिनाश मिश्रा से बात की है। अब हड़ताल का हल निकालने में अधिकारी लगे हुए हैं।
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