कहते हैं ना कि जब इंसान के अंदर कुछ करने की उमंग हो तो वो कमियां नहीं, चुनौतियों का सामना करने की राह चुनता है. वो अवसर तलाशता है, जिसमें वो तरक्की कर सके. जिसे कुछ करना नहीं होता, वो सिर्फ अपनी राह में आने वाली बाधाओं के बारे में सोचता है. जबकि मेहनती लोग इन बाधाओं को दूर करने का तरीका ढूंढने में जुट जाते हैं. अजमेर के रहने वाले एक शख्स ने कश्मीर भ्रमण के दौरान ऐसा आइडिया ढूंढ निकाला, जिसने उसकी लाइफ बदल ली.
हम बात कर रहे हैं अजमेर के रहने वाले गुरकीरत सिंह की. गुरकीरत कुछ महीने पहले कश्मीर घूमने गए थे. जब वहां से लौटे तो उनके दिमाग में एक ऐसा आइडिया आ चुके था, जिसके बारे में शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा. इस आइडिया ने गुरकीरत की लाइफ बदल दी. मात्र तीन महीने में गुरकीरत ने अजमेर में अपने फ़्लैट को कश्मीर में बदल दिया और वहां केसर की खेती करने लगे. आज इस खेती से गुरकीरत अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं. आखिर कैसे हुआ ये चमत्कार?
लगाई जुगाड़ तकनीक
अजमेर के गुरकीरत सिंह ब्रोका ने अपने घर को ही कश्मीर बना डाला. कश्मीर घूमने के दौरान उन्होंने वहां से केसर के बीज खरीदे थे. अजमेर आने के बाद उन्होंने सबसे पहले एक कमरे में दो टन का एसी लगवाया. इसके बाद कमरे को लैब-कोल्ड रुम में बदल दिया. कमरे में केसर के बीज को अंधेरे में डेढ़ महीने रखा. हर दिन मोबाइल की रौशनी में बीज की जांच की जाती थी. एक तरह से शख्स ने कमरे को कश्मीर बना दिया था. इस पूरे प्रॉसेस में कम खर्च में गुरकीरत ने तीन ही महीने में केसर की खेती शुरू कर दी.
ऐसे की खेती
सितंबर के महीने में उसने कमरे में ही बीज लगाए. इसके बाद अगले महीने इससे कलियां आने लगी. शुद्ध हवा के लिए कमरे की एक खिड़की कुछ देर के लिए खोली जाती थी. दिसंबर में कलियों से केसर निकलने लगे. अब इसे सुखाया जा रहा है. पेशे से इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियर गुरकीरत ने बताया कि उसने घर में पहले से मौजूद इन्वर्टर एसी का इस्तेमाल किया था. साथ ही दो से तीन हजार का एक ह्मयूमिडिफाइर तैयार किया था. कमरे में एक नॉर्मल एलडीडी बल्ब और नीले और लाल रंग के कुछ बल्ब लगाए थे. उसे इस खेती में कुल 25 से चालीस हजार का खर्चा आया. अब केसर को बेचकर वो लाखों कमाने वाला है.
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