भारत में हजारों प्रकार की जड़ी-बूटियां पाई जाती हैं। अलग-अलग रोगों के उपचार के लिए आयुर्वेद इन जड़ी-बूटियों का प्रयोग सदियों से करता आया है। भारत में इन दिनों सबसे बड़ी संख्या डायबिटिज पेशेंट की है। और माना जा रहा है कि ये जड़ी-बूटियां डायबिटीज के उपचार में भी मददगार हो सकती हैं। मधुमेह के लिए इन दिनों मेडिसिनल प्लांट इंसुलिन प्लांट (Costus Igneus) चर्चा में है। क्या यह वाकई डायबिटीज (insulin plant to cure diabetes) के उपचार में मददगार हो सकता है? आइए चेक करते हैं।
क्या है इंसुलिन पौधा और यह डायबिटीज में कितना कारगर है, इस पर हमने बात की आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. नीतू भट्ट से। पर इससे पहले जानते हैं कि रिसर्च इस पौधे के बारे में क्या कहती है?
इंसुलिन पौधे के बारे में क्या कहती हैं रिसर्च
पबमेड सेंट्रल के अनुसार, कर्नाटक में अखिला जे शेट्टी, दिव्या चौधरी और शशिधर कोटियन की टीम ने इंसुलिन प्लांट की पत्तियों पर रिसर्च किया। ब्लड ग्लूकोज लेवल बढ़े हुए विस्टर चूहों के 4 अलग-अलग ग्रुप को 10 मिलीग्राम पत्तियाें का पाउडर रोजाना दिया गया। यह क्रम 20 दिनों तक चला।
21वें दिन फास्टिंग और पोस्टग्लूकोज के बाद जब ब्लड शुगर मापा गया, तो चूहों में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल था। बाद में इसके पत्तों का प्रयोग इंसानों पर भी किया गया। 15 से भी अधिक क्लिनिकल स्टडी में यह प्रमाणित हो चुका है कि इंसुलिन प्लांट की पत्तियां ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सक्षम हैं।
जानिए इंसुलिन प्लांट कैसे करता है ब्लड शुगर कंट्रोल
इंसुलिन प्लांट का साइंटिफिक नाम कॉस्टस इगनियस (Costus Igneus) है। इस पौधे में कॉर्साेलिक एसिड भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जब इसे लिया जाता है, तो कॉर्साेलिक एसिड पैनक्रियाज से इंसुलिन सीक्रेशन को बढ़ावा देने लगते हैं। इससे शुगर ग्लाइकोजेन में कन्वर्ट होने लगता है।
इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है। वाटर सॉल्यूबल कंटेंट होने के कारण ब्लड से ग्लूकोज एब्जॉर्बशन को घटा देता है। इस तरह से यह पौधा शुगर लेवल को मैनेज करने में कारगर है। यह कॉलेस्ट्रॉल लेवल को भी बैलेंस करता है। यह कफ, कोल्ड, अस्थमा, यूट्रीन इंफेक्शन में भी कारगर है।
इस मेडिसिनल प्लांट में प्रोटीन, सेपोनिन्स, टेनिन्स, स्टीरॉयड पाए जाते हैं। इसमें फाइटोकेमिकिल्स जैसे कि टर्पेनॉयड्स, फ्लेवनॉयड्स, अल्केलॉयड्स एंटीऑक्सीडेंट, एस्कॉर्बिक एसिड, आयरन, बी कैरोटीन न्यूट्रीएंट्स भी पाए जाते हैं।
कॉस्टेसी फैमिली का यह पौधा भारत के ज्यादातर राज्यों में पाया जाता है। यह नम मिट्टी और हल्के गर्म वातावरण में सालों भर उगा रहता है। किसी भी नर्सरी से इसका पौधा मिल सकता है। साथ ही, प्लांट और इसके सीड वेबसाइट से भी आसानी से मंगाये जा सकते हैं। एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टी के कारण इसकी खूब मांग है।
जानिए डायबिटीज के लिए कैसे करना है इसका प्रयोग
इसका कई तरह से सेवन किया जा सकता है। यह रूप में ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है।
1 पत्तियों को सुखाकर
इंसुलिन प्लांट की पत्तियों को छाया में सुखा लें।
इसे ग्राइंड कर पाउडर बना लें।
पानी के साथ एक टेबल स्पून रोज ले सकती हैं।
2 पत्तियों को उबालकर
धीमी आंच पर कुछ पत्तों को दस मिनट के लिए उबाल लें।
छान कर पानी को प्रति दिन 2 बार पियें।
3 पत्तियों को चबाकर
1 पत्ते को रोजाना चबाकर पानी पी लें। इससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहेगा।
Comments