प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में संविधान पर चर्चा पर जवाब देते हुए 11 संकल्प रखे. पीएम ने कहा कि इस संकल्प के साथ हम सब मिलकर आगे बढ़ते हैं तो संविधान को जो निहित भावना है, विकसित भारत का सपना भी पूरा होगा. मेरा देशवासियों के प्रति आपार श्रद्धा रही है, देश की युवा शक्ति के प्रति आपार श्रद्धा रही है. इसलिए देश 2047 में जब आजादी के 100 साल मनाएगा तो विकसित भारत के रूप में मनाएगा. हम इस संकल्प के साथ आगे बढ़ें.
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में जब एनडीए को सरकार बनाने का मौका मिला तो लोकतंत्र और संविधान को मजबूती मिली. गरीबों को मुश्किलों से मुक्ति मिले, यह हमारा बहुत बड़ा मिशन और संकल्प है। हमें गर्व है कि आज 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए सत्ता का सुख और सत्ता का भूख यही एकमात्र इतिहास है, कांग्रेस का वर्तमान है. हमने भी संविधान संशोधन किए हैं, लेकिन देश की एकता के लिए, देश की अखंडता के लिए, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए और संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ किए हैं.
लोकसभा में पीएम मोदी की ओर से रखे गए 11 संकल्प
आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा
आरक्षण का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि नेहरू जी से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने आरक्षण का विरोध किया था. इतिहास कह रहा है आरक्षण के विरोध में लंबी-लंबी चिट्ठियां स्वयं नेहरू जी ने लिखी है, मुख्यमंत्रियों को लिखी है. इतना ही नहीं, सदन में आरक्षण के खिलाफ लंबे-लंबे भाषण इन लोगों ने किए हैं.
‘कांग्रेस ने आरक्षण का विरोध किया था’
बाबा साहेब अंबेडकर समता के लिए और भारत में संतुलित विकास के लिए आरक्षण को लेकर आए, लेकिन उन्होंने (कांग्रेस) इनके खिलाफ झंडा ऊंचा किया हुआ था. दशकों तक मंडल कमीशन की रिपोर्ट को डिब्बे में डाल दिया था. जब कांग्रेस को देश ने हटाया, जब कांग्रेस गई तब जाकर ओबीसी को आरक्षण मिला, ये कांग्रेस का पाप है.
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