रायपुर : बस्तर, सरगुजा संभाग के सुदूर अंचलों में सहायक शिक्षक की सेवाएं दे रहे करीब 2900 बीएड योग्यताधारी युवा अब बेरोजगार होने जा रहे हैं। पिछली सरकारी के नीति निर्माताओं की चूक का खामियाजा 2900 युवा ही नहीं, बल्कि इनके परिवार के 15000 सदस्यों भी भुगतने जा रहे हैं। उनके सामने के रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने वाला है। अब उन्होंने आंदोलन की राह पकड़ ली है।
सभी नौकरी करने वाले बीएड धारी शनिवार को अपने-अपने क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन सौंपने के बाद शासन को अपनी समस्या से अवगत कराने के लिए सरगुजा सभाग के सैकड़ों सहायक शिक्षकों ने अनुनय यात्रा में निकल गए, जो अंबिकापुर से रायपुर तक शांतिपूर्ण पैदल मार्च करेंगे। 16 दिसंबर को रायपुर पहुंचकर विधानसभा के सामने प्रदर्शन करेंगे।
मुख्यमंत्री से कर रहे हैं ये मांग
बेरोजगार होने जा रहे युवा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से इस मामले को संज्ञान में लेकर विधिक तथा प्रशासनिक युक्तियों से सहायक शिक्षकों की सेवाएं सुरक्षित रखने का प्रयास करने का अनुरोध किया है।
सरगुजा तथा बस्तर संभाग के सुदूर अंचलों में पिछले 15 माह से अपनी सेवाएं दे रहे 2855 बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक अब बेरोजग़ार होने जा रहे हैं। ये सभी अभ्यर्थी एनसीटीई 2018 के गजट, छत्तीसगढ़ के राजपत्र तथा शिक्षा-विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए व्यापमं द्वारा आयोजित परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बाद नियुक्त हुए थे। नीति-निर्माताओं की चूक और विधिक नियमों में अप्रत्याशित परिवर्तन की वजह से इन 2855 युवाओं पर पदमुक्ति का संकट मंडरा रहा है।
परीक्षाफल जारी किए जाने के बाद शिक्षा की गुणवत्ता का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा एनसीटीई 2018 का गजट ख़ारिज कर दिया गया। अब उच्च न्यायालय (बिलासपुर) द्वारा दो ह़तों के भीतर बीएड के स्थान पर डीएड को नियुक्ति देने का आदेश दिया गया है।
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