छत्तीसगढ़ सरकार ने 27 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर 2019 से 2024 के बीच भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाया गया है। इस सूची में विभिन्न वित्तीय कदाचार और अनियमितताओं में शामिल उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हैं।
आईएएस राजेश एस टोप्पो आरोपियों में आईएएस राजेश एस टोप्पो भी शामिल हैं, जो संवाद के पूर्व सीईओ हैं। उन्होंने कथित तौर पर बिना उचित टेंडरिंग के 75.74 लाख रुपये का काम करवाया, जिससे वित्तीय कुप्रबंधन हुआ। इसी तरह, आईएएस संजय अलंग, जो पहले पाठ्यपुस्तक निगम के एमडी थे, पर वित्तीय अनियमितताओं और अधिकार के दुरुपयोग का आरोप है।
आईएएस रानू साहू कोरबा की जिला कलेक्टर रह चुकी आईएएस रानू साहू पर फंड की हेराफेरी का आरोप है, जिसके कारण सरकारी खजाने को 8 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। उन पर जबरन वसूली और अपनी ज्ञात आय से अधिक संपत्ति रखने का भी आरोप है। आईएएस समीर बिश्नोई खनन निदेशालय के निदेशक रहे
आईएएस समीर बिश्नोई पर सरकारी खजाने को चूना लगाने और आय से अधिक संपत्ति रखने की साजिश का आरोप है। वहीं, स्कूल शिक्षा के पूर्व प्रमुख सचिव आईएएस डॉ. आलोक शुक्ला पर ईओडब्ल्यू के एक मामले में अवैध धन लाभ के लिए अपने पद का दुरुपयोग करने और गवाहों को दबाव में लेने का आरोप है।
वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के पूर्व संयुक्त सचिव डॉ. अनिल टुटेजा पर भी इसी तरह के आरोप हैं, साथ ही उन पर 100 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार और करोड़ों रुपये के शराब घोटाले में शामिल होने का आरोप है। इसके अलावा आईएएस विवेक ढांढ पर भी रेरा के चेयरमैन पद पर रहते हुए सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप है।
आईएएस निरंजन दास आबकारी आयुक्त आईएएस निरंजन दास करोड़ों की अवैध कमाई और आय से अधिक संपत्ति के मामले में शराब घोटाले की जांच के घेरे में हैं। इसके अलावा आईएएस कुलदीप शर्मा ने जहसपुर जिला पंचायत के सीईओ रहते हुए कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग किया। आईएएस सुरेन्द्र कुमार जायसवाल जैसे अन्य अधिकारियों पर ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में निदेशक रहने के दौरान बिना सरकारी मंजूरी के करोड़ों रुपये के फ्लैट खरीदने का आरोप है।
Comments