मुखिया के मुखारी –  मुखिया अपनी धवल छवि पर दाग आपने ही लगाया है...

मुखिया के मुखारी –  मुखिया अपनी धवल छवि पर दाग आपने ही लगाया है...

नैतिकता के हास के दौर में राजनीतिक सुचिता बेमानी है, दाग है कि छुटते ही नहीं, और यदि ये सफेद झक खादी पर लग जाए तो इन्हें छुड़ाने में मुसीबत ही मुसीबत होती है, भारतीय राजनीति में कांग्रेस के लिए ये हादसों का दौर है, हादसे पे हादसे, हार पे हार विचलित कर रही, उच्च शृंखलता बढ़ रही नीज पर शासन नहीं रहा तो अनुशासन कहां से आएगा? अनुशासन सिद्धांतों की परिणिति है,जब सिद्धांत तिरोहित हो जाते हैं ,तो चाटुकार जन्म लेते हैं, चाटुकारिता का दौर है ,जहां सिर्फ सत्ता चाहिए,सत्ता के लिए प्रयास नहीं होंगे, ना राजनीतिक दूरदर्शिता, ना तथ्य ,तो फिर कहें गए कथ्यों से सत्ता कैसे हासिल होगी? लंबे समय तक सत्ता का भोग राजनीतिक दलों को तानाशाही की ओर उद्धरित करता है ,वों जनता से दूर अपनी आत्ममुग्धता में मतदान की महत्ता भूल जाते हैं, धवल छवि की जगह धूल धुसरित छवि लेकर चुनावों में जाते हैं ,तो धूल धुसरित हो जाते हैं। जो हाल राष्ट्रीय राजनीति में कांग्रेस का है, वही हाल छत्तीसगढ़ में भी है, हार के बाद हादसों पे हादसे हो रहे हैं, एक जीत के पहले भी तीन बार हारे थे, पर अपनी गलतियों से कुछ नहीं सीखा हारकर भी तानाशाही प्रवृत्ति नहीं गई,ना छवि सुधारने की समझ आई। आज पूर्व कांग्रेसी विधायक के दामाद जो पुलिस अधिकारी के पति भी हैं, गांजा तस्करी में गिरफ्तार हो गए, गांजा तस्करी के इस गैर कानूनी कृत्य की संलिप्तता कितनी पुरानी है और अपराधी की प्रवृत्ति पर पूर्व कांग्रेस विधायक अपनी अनभिज्ञता जाहिर कर देंगे, क्योंकि यही राजनीतिज्ञयों का ढर्रा है, पर इतना तो तय है कि एक कांग्रेसी परिवार की संलिप्तता गांजा तस्करी में पाई गई,कानून बनाने वाले माननीय अपने घर में ही कानून का मान नहीं बढ़ा पाए, एक कांग्रेसी विधायक बलौदा बाजार हिंसा के मामले में जेल में है,दूसरे पर FIR हो गई है, कानूनी शिकंजे कसते जा रहे, कई अपनी बारी का इंतजार कर रहे।

विगत दिनों विधानसभा परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री से उनके शासनकाल में हुए घोटाले पर सवाल पूछने पर पत्रकार को खूब धमकाया गया, पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्री तो मौन रहे, पर उनके विधायकों ने जमकर बवाल काटा ,लोकतंत्र का चौथा स्तंभ और उस पर माननीयों के ऐसे हमले, बदजुबानी, धौंस ,धमकी सब ,दलाल की उपमा से अलंकृत भी उस पत्रकार को किया गया,सूत्र बताते हैं कि कांग्रेसी विधायकों में पत्रकार को दलाल कहने की हिम्मत इसलिए आई ,क्योंकि वों अपने शासनकाल में पत्रकारों को खूब दलाली बाटी थी। मासिक बंधे थे,सो उन्होंने बड़ी आसानी से पत्रकार को दलाल कह दिया, और इतिहास ने मजबूर किया कि प्रदेश की पत्रकार जमात लाल नहीं हो पाई, कांग्रेसियों का ये आचरण बताता है कि वों अभिव्यक्ति की आजादी और स्वतंत्र मीडिया के कितने पक्षधर हैं, और मीडिया जगत का मौन अपने ही जमात के लिए कोई मत ना प्रकट कर पाने की कोई तो मजबूरी होगी ,कुछ तो ऐसा है जो स्वहित से जुड़ा है जिसके आगे मीडिया नीति बौनी साबित हो गई। कई पत्रकारों और मिडिया संस्थानों की राजधानी में उपस्थिति के बाद भी एक पत्रकार को सिर्फ सवाल वों भी घोटालों की वजह से दलाल कह दिया गया ,जब आप किसी का आशियाना उजाड़ दें, किसी के वजूद को मिटाने की हद पार कोशिशें करें, तो किसी का भी पुरुषार्थ जागेगा,और यदि वों पत्रकार हो तो आपसे सवाल पूछेगा,अब आप गुस्से से आग बबूला हो विधानसभा परिसर में जहां आप माननीय बन कानून बनाने जाते हो,क्या वहां आपने अपने कृत्य से कानून का मान सम्मान बढ़ाया? माननीय ऐसे कैसे आप सम्माननीय बनेंगे?क्या यही लोकतंत्र है जिसमें आपके शासन के दौरान हुए घपले -घोटाले पर सवाल पूछने की भी मनाही है?

जब आए थे 2018 में धवल छवि लिए तो सब ने कहा ये छत्तीसगढ़ियों की छत्तीसगढ़िया सरकार है, किसान ने मान बढ़ाया छत्तीसगढ़ का, छत्तीसगढ़ की संस्कृति का,भंवरा बाटी तीजा,पोरा सबका एहसास ,उत्सव रूपी आपने कराया, सबने दिल खोल के आप पर प्यार लुटाया,पर गेड़ी चढ़ते चढ़ते आप गेड़हा (जिद्दी) हो गए, किसान से न जाने कब दाऊ हो गए, जिजीविषा छोड़ घोटालों का विष पीने लगे,चाटुकारों से घिरने लगे दाऊ- दाऊ वों भी लोकतंत्र का निर्वाचित मुखिया के लिए, संबोधन क्या उचित था, या फिर इसी दाऊ संबोधन ने दाऊ गिरी ला दी, नेतागिरी छुड़ा दी ,दाऊ पीढ़ी दर पीढ़ी का संबोधन है,मुख्यमंत्री हर 5 साल का इस सामंती और लोकतांत्रिक व्यवस्था में आप अंतर समझ नहीं पाए ,ये गलती ना छत्तीसगढ़ियों की है ,ना छत्तीसगढ़ की आप छत्तीसगढ़ियों से दूर, घोटालेबाजों अफसरों के दाऊ बनते गए ,हमने मुखिया चुना था, आप दाऊ बन गए,आपने ही अपने हाथों से कुल्हाड़ी अपने पैरों पर मारी है--------------------------------------मुखिया अपनी धवल छवि पर दाग आपने ही लगाया है....

चोखेलाल
आपसे आग्रह :

कृपया चोखेलाल की टिप्पणियों पर नियमित रूप से अपनी राय व सुझाव इस नंबर 6267411232 पर दें, ताकि इसे बेहतर बनाया जा सके।
मुखिया के मुखारी में व्यवस्था पर चोट करती चोखेलाल

 






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments