गोलू कैवर्त संभाग प्रमुख छत्तीसगढ़ बलौदाबाजार : एकीकृत महिला बाल विकास विभाग लवन परियोजना अंतर्गत सेक्टर सरखोर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं का भोरमदेव पुरातात्विक भौगोलिक एवं प्राकृतिक दर्शन यात्रा का एकदिवसीय भ्रमण रविवार 22 दिसम्बर को रहा।लवन परियोजना अधिकारी जया पटेल के कुशल मार्गदर्शन में सेक्टर प्रभारी आंगनबाड़ी पर्यवेक्षक श्रीमती शांति पटेल के उत्कृष्ट मार्गदर्शन में सेक्टर सरखोर की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की टीम कवर्धा जिला में स्थित छत्तीसगढ़ की खजुराहो के नाम से प्रसिद्ध भोरमदेव दर्शन के लिए पहुंचे रहे।जंहा सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ने 11वी शताब्दी में नागवंशी राजा गोपाल देव द्वारा स्थापित प्राचीन शिवलिंग सहित छेरकी महल, मड़वा महल, रानीदरहा ,चिल्फी घाटी ,दामाखेड़ा(सिमगा)सहित विभिन्न स्थानों का दर्शन कर जानकारी प्राप्त किये।
यात्रा सुखद एवं मंगलमय रहा। यात्रा के बाद पर्यवेक्षक श्रीमती शांति पटेल ने बताया कि भगवान भोलेनाथ का दर्शन लाभ प्राप्त हुआ इसके अलावा भौगौलिक एवं पुरातत्व की जानकारी भी प्राप्त हुआ।अति प्राचीन मूर्तियों एवं शिलालेखों के बारे में भी जानकारी प्राप्त हुई।वाकई में भोरमदेव को छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहने के अपने महत्व है।गौरतलब हो कि उक्त यात्रा स्थल में लवन परियोजना सेक्टर सरखोर अंतर्गत ग्राम पंचायत तिल्दा, डोंगरीडीह, डोंगरा, करदा, सरखोर ,बाजार भाटा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं की टीम शामिल हुई थी।
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