धौलपुर : मनुष्य शरीर में पनप रहे बड़े से बड़े रोग को जड़ी-बूटियों के सहारे जड़ से खत्म कर देते थे. लेकिन आज यह प्राचीन चिकित्सा व्यवस्था जानकारी के अभाव में किस प्रकार लुप्त होती जा रही है. वह राजकीय महाविद्यालय धौलपुर की ओर से आयोजित फ्यूचरिस्टिक अप्रोच फॉर विकसित भारत 2047 विषय पर व्याख्यान देने आए थे. उन्होंने अपने व्याख्यान में कई ऐसी महत्वपूर्ण जानकारियां दी जो मानव जीवन से पेड़, पौधे और वनस्पतियों का सीधे गहरा नाता दर्शाता है.
कचनार के पत्तों से ब्लड का शुगर लेवल होगा कम
शोधकर्ता डाॅ़ पुरुषोत्तम लाल ने बताया कि हिगोट फल के सेवन से मुंह के अल्सर, काली खांसी, नींद की बीमारी सहित त्वचा रोग को खत्म किया जा सकता है. इसके साथ ही कचनार के पौधे के पत्ते का रस शरीर में कई गंभीर रोगों को बनने से रोकता है. कचनार के पत्तों का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कम होता है और डायबिटीज कंट्रोल में रहती है.
एलर्जी, दाद और खुजली जैसी समस्या होगी दूर
कचनार के पत्तों का इस्तेमाल मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने में भी किया जाता है. कचनार के पत्तों में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो त्वचा की एलर्जी, दाद और खुजली जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं. कचनार के पत्तों का चूर्ण लेने से थायरॉइड ग्रंथि से जुड़े रोगों का इलाज भी संभव है.
तुलसी से रोग प्रतिरोधक क्षमता का होगा विकास
तुलसी के पत्तों का नियमित सेवन शरीर में श्वेत रूधिर कणिकाओं को विकसित करता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता का शरीर में केंद्र मानी जाती है. इसी तरह एक अश्वगंधा का पौधा पूरे शरीर के रोगों का निदान करने में सक्षम है.
रोग निदान के लिए चमत्कारी हैं पेड़-पौधे
अगर योग और वनस्पतियों की पूरी जानकारी के साथ जीवन में इस्तेमाल किया जाए तो मनुष्य का शरीर पूरी तरह रोग मुक्त बन सकता है. लेकिन आज के आधुनिक समय में छात्र-छात्राएं पेड़-पौधों को सिर्फ प्रदूषण रोकने का साधन मानते हैं. जबकि दैनिक जीवन में घरों में लगने वाले पेड़-पौधे रोग निदान के लिए चमत्कारी साबित हो सकते हैं.
Comments