छत्तीसगढ़ सरकार का एक और बड़ा कारनामा,इन्कमटैक्स को दिखाया ठेंगा

छत्तीसगढ़ सरकार का एक और बड़ा कारनामा,इन्कमटैक्स को दिखाया ठेंगा

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार का एक और बड़ा कारनामा। इन्कमटैक्स विभाग ने सरकार को जिस दवा कंपनी का भुगतान रोकने के लिए चिट्ठी भेजी उसका भुगतान करने में सरकार ने देर नहीं लगाई। इन्कमटैक्स की चिट्ठी को अनदेखा कर मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन ने दवा कंपनी का भुगतान कर दिया। इसमें चालाकी ये दिखाई गई कि दवा कंपनी का भुगतान दूसरे बैंक के खाते में किया गया। इस पर जांच भी बैठी लेकिन जांच करने वाले लोग वही थे जिन पर सवाल खड़े हुए थे। इन अफसरों ने जांच की और खुद को क्लीन चिट दे दी। सरकार ने पूरे मामले पर ही खात्मा लगा दिया। आइए आपको दिखाते हैं क्या है पूरा मामला।

केंद्रीय आयकर विभाग ने 16 जून 2023 को छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन को एक पत्र भेजा। यह पत्र कार्पोरेशन को 28 जून 2023 को मिल गया।  इन्कमटैक्स विभाग ने कहा कि एएनजी लाइफ सांइस इंडिया लिमिटेड अमृतसर को दवा खरीदी का भुगतान न किया जाए। इन्कमटैक्स ने अपने पत्र में 2 करोड़ 78 लाख रुपये रोकने के लिए आदेशित किया था। इसका कारण था कि कंपनी ने इन्कमटैक्स के टीडीएस के 12.30 करोड़ रुपए जमा नहीं किए। इसकी रिकवरी के लिए धारा 226 (3) के तहत सीजीएमएससी को आयकर विभाग ने नोटिस जारी किया गया था।

इसका जवाब 24 घंटे के भीतर आयकर विभाग को देना था। लेकिन सीजीएमससी के अधिकारियों ने आयकर विभाग के आदेश को नहीं मिलने का बहाना बताते हुए कंपनी को एक ही दिन में पूरा भुगतान कर दिया। चौंकाने वाली बता यह है कि आयकर विभाग बार-बार पत्राचार करता रहा लेकिन सीजीएमससी ने कोई जवाब नहीं दिया। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि इन्कमटैक्स विभाग अमृतसर का पत्र मिला जिसमें भुगतान रोकने की बात कही गई थी।

छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन ने एक और कमाल किया। कार्पोरेशन ने दवा कंपनी के दूसरे खाते में पैसा डाला। कंपनी का लेनदेन पंजाब नेशनल बैंक के जरिए होता था लेकिन कंपनी को कार्पोरेशन ने कैनरा बैंक में पैसा डाला। हैरानी की बात ये भी है कि 28 जून को कार्पोरेशन को इन्कमटैक्स का पत्र मिला और 30 जून को कंपनी को भुगतान कर दिया। यानी कंपनी के भुगतान में देर ही नहीं लगाई गई और एक दिन बाद ही दवा कंपनी को पैसे दे दिए गए। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल कहते हैं कि दवा कंपनी ने मेल के जरिए कहा था कि कैनरा बैंक में पैसे डाले जाएं इसलिए उसी बैंक में भुगतान किया गया।

अब इस पूरे मामले का तीसरा कमाल देखिए। जब यह मामला सामने आया तो सरकार ने इसकी जांच कराई मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन के एमडी जो वित्त का काम देखते थे। यानी जिस पर सवाल उठे उसी को उसी की जांच कराने का जिम्मा सौंप दिया। जाहिर है रिजल्ट क्या निकलना था यह पहले से ही तय हो गया था। इस जांच में अफसरों ने खुद को क्लीन चिट दे दी। इसके बाद सरकार को रिपोर्ट भेज दी गई। सरकार ने भी इस पूरे मामले को नस्तीबद्ध कर दिया। स्वास्थ्य मंत्री कहते हैं कि कुछ अफसरों को चेतावनी पत्र भी जारी किया गया। जांच में जो बातें सामने आईं उस पर आगे कार्यवाही की गई।






You can share this post!


Click the button below to join us / हमसे जुड़ने के लिए नीचें दिए लिंक को क्लीक करे

Comments

  • No Comments...

Leave Comments