वर्ष  2024 की समाप्ति पर आचार संहिता लगने की आशंका

वर्ष 2024 की समाप्ति पर आचार संहिता लगने की आशंका

रायपुर : छत्तीसगढ़ में इस बार नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराए जाएंगे। कई मंचों पर सीएम से लेकर सरकार के अलग अलग मंत्री इस बात का संकेत दे चुके हैं। दोनों चुनाव एक साथ कराने को लेकर विधानसभा में संशोधन विधेयक भी पास कराए गए हैं। इस बीच, खबर है कि इसी महीने के अंत तक, यानी 31 दिसंबर तक आचार संहिता लागू हो सकती है। चुनाव आयोग चुनाव तारीखों का ऐलान कर सकता है। वन नेशन, वन इलेक्शन मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी घोषणा को छत्तीसगढ की साय सरकार प्रदेश में पहले ही लागू करना चाह रही है। इसलिए, प्रदेश में होने वाले नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है।

विधानसभा में पारित नगरीय निकाय संशोधन विधेयक इसी दिशा में उठाया गया कदम था। कुछ दिन पहले जब पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण का काम रुका तो लगा कि एक साथ चुनाव अब मिड अप्रैल तक टल गया, लेकिन 30 दिसंबर तक पंचायत चुनाव के आरक्षण पूरा कर लेने के आदेश ने इस संभावना को धूमिल कर दिया है। राज्य निर्वाचन आयोग और प्रशासनिक गलियारों से आ रही खबरों की मानें तो प्रदेश में 31 दिसंबर तक चुनाव की घोषणा हो जाएगी। इसके साथ ही नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने की आचार संहिता लागू हो जाएगी।

31 दिसंबर को आचार संहिता लागू हुआ तो प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव करीब डेढ महीने में करा लिए जाएंगे। माना जा रहा है कि 20 से 22 फरवरी 2025 तक सारे चुनाव संपन्न हो जाएंगे। इसके पीछे कुछ कारण भी बताए जा रहे हैं। दरअसल, विधानसभा में पारित नगरीय निकाय संशोधन विधेयक के आधार पर ही दोनों चुनाव एक साथ होंगे, लेकिन कांग्रेस का तर्क है कि 74वें संविधान संशोधन की व्यवस्था को राज्य की विधानसभा बदल नहीं सकती। उसने सदन में इसका विरोध भी किया था, और हाईकोर्ट जाने की चेतावनी दी हुई है। जानकार मानते हैं कि सरकार ज्यादा दिनों तक चुनाव नहीं करा सकी तो हो सकता है कांग्रेस कोर्ट से स्टे लेकर ना आ जाए। अगर ऐसा हुआ तो सरकार की जबरदस्त किरकिरी होगी इसलिए जल्द चुनाव कराना जरूरी है।

 






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