डोंगरगढ- छोटे से गॉव माटेकटा में रहने वाले एक ऐसे शिक्षक जो गाव व शहर में अपने मिलन सार व्यक्तितव व ईमानदार युवा शिक्षक के रूप में उनकी अलग पहचान थी 35 वर्षीय स्व० दिलीप सिन्हा पूर्व में डोंगरगढ के सरस्वती शिशु मंदिर में अपनी सेवा दी उसके पश्चात जगदलपुर में केंद्र व राज्य सरकार के अधीन शिक्षा विभाग के स्कूल में एक अच्छे शिक्षक के रूप में अपनी सेवा देते रहे अचानक उनकी तबियत खराब हुई और वो हम सबके बीच चले गए रायपुर के रामकृष्ण हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली दिलीप के ग्रह ग्राम माटेकटा में उनकी अंतिम संस्कार किया गया ,स्व९दिलीप के अंतिम संस्कार में आस पास के गाव व शहर से बड़ी संख्या के लोग शामिल हो कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की नगर पालिका परिषद के उपाध्यक्ष उमामहेश्वर वर्मा ने कहा कि वे दिलीप को बचपन से जानते थे और उनके परिवार से परिवारिक सम्बन्ध भी है दिलीप एक नेक दिल इंसान थे मृत आत्मा को ईश्वर अपने चरणों में स्थान देकर सद्गति प्रदान करें ,दिलीप के शिक्षक मित्र भूपेंद्र केवर्त ने कहा
"न जाने ईश्वर सज्जन लोगों को इतने शीघ्र बुला क्यों लेते हैं " ये केवल मेरा ही नहीं अपितु आज सबका स्वर था , सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय में हमारे साथी आचार्य रहे माटेकटा निवासी,आदरणीय शिक्षक दिलीप सिन्हा जी स्वास्थ्य कारणों के चलते,हम सबको छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए, श्री जटाशंकर मन्दिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सोन कुमार सिन्हा ने कहा दिलीप के बारे में जितनी बाते कहे वो कम है बहुत ही कम उम्र में हम सबके बीच से चले गए यह बहुत दुख का विषय है मैं अपनी परिवार की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हु
एल आईसी से जुड़े पुनाराम सिन्हा भावुक होते हुए कहा कि दिलीप सिन्हा इतने निर्मल स्वभाव के व्यक्ति थे कि ऐसा हो ही नहीं सकता कि उनके संपर्क में आया हुआ व्यक्ति उनके सद्गुणों से प्रभावित न हुआ हो! सज्जनता ही उनकी पहचान थी और उनकी सज्जनता पे पूरा गांव गर्व करता था,सिन्हा समाज के जिला अध्यक्ष शिव डड़सेना ने भी अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की ,निषाद समाज युवा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष दिनेश निषाद ने श्रद्धाजंलि देते हुए कहा कि दिलीप सिन्हा जितने सुंदर दिखने में थे उतने ही सुंदर हृदय के भी थे, उनकी वाणी में सदैव सबके लिए सम्मान भरा भाव और शब्द होते थे, उपस्थित जनों में दिलीप के बचपन के साथियो ने कहा कि जब भी वे पढ़ाने के लिए कक्षा में जाते थे तो उनके पीछे हम सभी आपस में बात किया करते थे कि कितने सज्जन और निश्छल व्यक्ति हैं! समाजिक कार्यकर्ता रोहन सिन्हा ने दिलीप सिन्हा के बारे में कहा कि सच तो ये है कि उनकी सज्जनता, निश्छलता व पवित्र मन से मैं जितना परिचित हूं जितना बोलूं कम है समाज व परिवार का हीरा था ,भिलाई से आए इंजीनियर चुरामन सिन्हा ने अपनी व अपने परिवार की ओर से श्राद्धजली करते हुए कहा कि दिलीप बहुत ही मिलनसार व्यक्तितव के धनी थे उनको शिक्षा के क्षेत्र में काम करने का जुनून था इसलिय वे अपने गाँव शहर से बहुत दूर जाकर सेवा दे रहे थे भगवान उनकी आत्म की शांति दे।
Comments